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लॉकडाउन के बीच राहत कैंप बना एजुकेशन घर, मजदूर और बच्चे दोनों हैं खुश

लॉकडाउन में फंसे मजदूर और उनके परिवार को सरकार वो तमाम सुविधा देने की कोशिश कर रही है ताकि उन्हें परेशानी न हो. लेकिन मजदूर अपने घर जाने के लिए फिर भी परेशान हैं. ऐसे में सरगुजा कलेक्टर सारांश मित्तर ने राहत कैम्प को एजुकेशन कैंप में बदल दिया है.

लॉकडाउन के बीच राहत कैम्प बना एजुकेशन घ
लॉकडाउन के बीच राहत कैम्प बना एजुकेशन घ

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Published : Apr 14, 2020, 10:53 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : देश कोरोना महामारी के खतरे की वजह से लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है और ऐसे में लाखों लोग अपने घरों से बाहर अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं. स्थानीय प्रशासन की ओर से ऐसे लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की जा रही है. सरगुजा कलेक्टर सारांश मित्तर ने अम्बिकापुर के राहत कैम्प में रह रहे लोगों से जब मुलाकात की और उन सबकी खासकर छोटे बच्चों की बेचैनी देखी, तो राहत कैम्प को एजुकेशन कैंप में बदल दिया.

लॉकडाउन के बीच राहत कैम्प बना एजुकेशन घर

कलेक्टर सारांश मित्तर ने अम्बिकापुर के बिशुनपुर में स्थिति रिलीफ कैम्प में रह रहे बच्चों की पढ़ाई शुरू करा दी है. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए कैम्प में ही मौजूूद एक शिक्षित युवक ने जिम्मा उठा लिया है और आवश्यक संसाधन कलेक्टर ने उपलब्ध करा दिए हैं. ETV भारत से कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने बताया कि, वहां टीवी भी लगा दिया गया है और कल तक इस रिलीफ कैम्प में मास्क सैनिटाइजर, खिलौने उपलब्ध कराने के साथ सीसीटीवी भी लगा दिया जाएगा.

पढ़ाई के साथ ही एन्जॉय कर सकेंगे बच्चे

.बहरहाल लॉकडॉउन में फंसे लोगों के लिए हजारों राहत कैम्प बनाए गए हैं, लेकिन ऐसा राहत कैम्प शायद ही कहीं बना हो, जहां लोग बोर नही होंगे बल्कि एन्जॉय करेंगे और बच्चे पढ़ाई भी कर सकेंगे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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