सरगुजा: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़े अब डराने लगे हैं. जहां दुनिया कोरोना वायरस से खौफजदा है, तो वहीं इससे बचाव और वैक्सीन को लेकर तमाम वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जुटे हुए हैं. ऐसे में कोविड-19 के कहर से लोगों को बचाने के लिए कोरोना संक्रमण की जांच और आइसोलेशन के बाद सबसे जरूरी है लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विस्तार करना. इसके लिए अब स्वास्थ्य विभाग पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इम्यूनिटी बूस्टर्स के साथ ही अन्य दवाओं का निःशुल्क वितरण कर रहा है.
अंबिकापुर के नवापारा शहरी स्वास्थ्य केंद्र ने इसकी शुरुआत की है, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आए हैं. इन दवाओं का वितरण शहर के नवापारा पीएचसी में किया जा रहा है, वहीं अब स्वास्थ्य मंत्री ने इसे पूरे प्रदेश में शुरू किए जाने की बात कही है.
दवाओं के सेवन से नहीं होगा नुकसान
दरअसल कोरोना संक्रमण के खिलाफ चल रही जंग में सबसे बड़ा काम कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए उनका कोविड टेस्ट कर आइसोलेट करना है और यही WHO की गाइडलाइन भी है, लेकिन टेस्ट के बाद लोगों को आइसोलेट करने की प्रक्रिया फेल हो जा रही है. जब तक इंसान को पता चलता है कि वह कोरोना संक्रमित है, तब तक वो अन्य लोगों तक संक्रमण पहुंचा चुका होता है. इसलिए अब टेस्ट के साथ ही दवाईयों का किट भी दिया जा रहा है. यदि उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो संक्रमण का खतरा कुछ हद तक कम हो जाएगा, क्योंकि कोविड 19 के इलाज के लिए ली जाने वाली दवाईयों का आधा डोज पहले ही पूरा हो चुका होगा और यदि रिपोर्ट निगेटिव आई, तो दवाओं के सेवन से कोई नुकसान नहीं है.
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