सरगुजा: जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी भ्रष्टाचार किया गया है. आरटीआई से मिले दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि जिन लोगों के नाम पीएम आवास स्वीकृत हुआ है, उनमें से अधिकतर पहले से साधन संपन्न लोग हैं, जबकि गरीब जरूरतमंद अब भी बेघर हैं.
आरटीआई कार्यकर्ता अभय नारायण पांडेय ने दस्तावेजों के आधार पर ये आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि, 'इस योजना के तहत शासकीय कर्मचारी अपने परिवार के नाम से पीएम आवास का लाभ ले रहे हैं, जिसका पहले से ही दो मंजिला मकान बना हुआ है, वहीं कुछ जगहों पर तो एक ही रकबे की जमीन पर कई अलग-अलग लोगों के नाम से आवास स्वीकृत हो गए हैं.
पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने वालों में पार्टी के ही लोग शामिल हैं, जिन्होंने अपने रसूख के दम पर पीएम आवास स्वीकृत करा रखा है, जबकि संभाग में ही उनके कई मकान हैं'.
वहीं इस संबंध में नगर निगम आयुक्त मनोज सिंह का मानना है कि, 'पूर्व में आई गाइडलाइंस की जानकारी नहीं होने की वजह से ऐसी गलतियां हुई हैं, लेकिन जब बाद में नियम बदले तब से ऐसा नहीं हो रहा है, लेकिन उन्होंने माना कि 303 प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें पैसे की रिकवरी भी की जाएगी.'
रिकवर की जाने वाली राशि का कोई आंकड़ा तो अभी निर्धारित नहीं हो सका है, लेकिन पीएम आवास की पहली किश्त 50 हजार का गुणा अगर 303 प्रकरणों से करेंगे तो करीब डेढ़ करोड़ से अधिक की वसूली की जानी है.