सरगुजा:छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह जिला में लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है. यहां मरीजों को एक साल में 1 करोड़ 99 लाख का भोजन परोसा गया, जिसमें से प्रबंधन पर 38 लाख रुपए का बंदरबाट करने का आरोप है, लेकिन जिम्मेदारों को इस बात की कोई जानकारी नहीं है. अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की संख्या ज्यादा दिखाकर न सिर्फ सरकार को चूना लगाया गया बल्कि मरीजों का हक भी छीना गया है. इतना ही नहीं हद तो तब हो गई जब 6 महीने से यहां नियुक्त डाइटिशियन को प्रभार तक नहीं दिया गया. यहां भोजन व्यवस्था का संचालन नॉन प्रोफेसनल लोग संभालते रहे हैं, जो सवालों के घेरे पर है.
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सवाल यह है कि कौन खा गया मरीजों का भोजन, क्यों नहीं हो सका अब तक मेडिकल कॉलेज में भोजन वितरण व्यवस्था का टेंडर, डाइटिशियन के होते हुए भी स्टूवर्ट के जिम्मे क्यों. मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में भोजन वितरण की जिम्मेदारी ये वह सवाल हैं, जो स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले के मेडिकल कालेज अस्पताल में भोजन के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े पर खड़े हो रहे है ?. वहीं अधिकारी दोषियों पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं, लेकिन जब हमने स्वास्थ्य मंत्री से मामले में सवाल किया, तो उन्होंने फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के नाम तक खुद उजागर कर दिए, मतलब स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में यह मामला आ चुका था और वह इसे सुधारने की कवायद भी शुरू कर चुके हैं.
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बीते वर्ष 1 करोड़ 99 लाख रुपए का भुगतान
दरअसल, सरकार की तरफ से मरीजों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है, जिसके तहत 100 रुपए सामान्य मरीजों और 160 रुपए जननी सुरक्षा योजना के तहत दाखिल होने वाले मरीजों के लिए सरकार की ओर से भुगतान किया जाता है. अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 1 करोड़ 89 लाख रुपए सामान्य मरीजों के लिए और 10 लाख रुपए जननी सुरक्षा योजना के मरीजों को भुगतान किया गया है. यानी कुल भुगतान 1 करोड़ 99 लाख बीते वर्ष भुगतान किया गया.
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