सरगुजा: 30 जनवरी 2020 को भारत में कोरोना का पहला मामला आया. इसके बाद संबंधित प्रदेश के साथ पूरे देश में हड़कंप मच गया. केस जब बढ़ने लगे तो वैक्सीनेशन ही इससे बचने का एक मात्र हथियार नजर आया. लेकिन वैक्सीन के लिए लोगों में जागरूकता की कमी दिख रही है. गांव तो दूर शहरी क्षेत्र के लोग भी वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की अफवाह पाले हुए हैं. इन्हीं अफवाहों को दूर करने के लिए सरगुजा के कुछ कलाकारों ने लोगों को जागरूक करने के लिए एक वैक्सीन जागरूकता गीत बनाया है. इस गीत की खास बात ये है कि इसे 18 अलग-अलग बोली और भाषाओं में गाया गया है.
कोरोना जागरूकता गीत
लोगों को कोरोना टीके के प्रति जागरूक करने के लिए कलाकारों ने कोरोना जागरूकता गीत बनाया है. कई गायकों ने इसे मिलकर गाया है. यहां तक की एक 6 साल की छोटी बच्ची ने भी कोरोना जागरूकता गीत में अपना योगदान दिया है. छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों की बोली और भाषाओं को इस गीत में प्राथमिकता दी गई है. जिसमें मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, नागपुरी, उड़िया, संबलपुरी, कुडुख, बांग्ला, तेलगू, नेपाली, मराठी, सिंधी, मारवाड़ी, इंग्लिश और पंजाबी भाषाएं और बोलियां यूज की गई हैं.
'बोली और भाषा के जरिए भावनात्मक तौर पर जुड़ेंगे लोग'
स्थानीय संगीतकार प्रदीप विश्वास ने इस गीत को कंपोज किया है. प्रदीप ने ETV भारत से बात की. उन्होंने कहा कि लोगों में वैक्सिनेशन के लिये जागरूकता कम दिख रही थी. लिहाजा उन्होंने लोगों को जागरूक करने का एक प्रयास किया है. वे कहते हैं कि अलग-अलग बोली और भाषाओं के जरिए वैक्सीन के लिए जागरूकता लोगों को भावुक करेगा. अपनी लोकल भाषा में गाना सुनकर लोग उससे ज्यादा प्रभावित होंगे और कोरोना का टीका लगवाने के लिए जागरूक होंगे.
6 साल की बच्ची ने भी गाया गाना
इधर गायक कलाकारों ने भी अपने-अपने अंदाज में सभी से निवेदन किया है कि वे वैक्सीन जरूर लगवाएं. बाल कलाकार प्रगति ने भी वैक्सीन लगाने की अपील की है. जाहिर है इस बच्ची की मार्मिक अपील से लोग जरूर प्रभावित होंगे और कोरोना को हराने में देश का सहयोग करेंगे.
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