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heroes of Sarguja in freedom movement : स्वतंत्रता संग्राम में सरगुजा के वीरों का योगदान - स्वतंत्रता संग्राम

सरगुजा की धरती कुछ वीर सपूतों की जन्मभूमि तो कुछ वीर सपूतों की कर्म भूमि है. अनुसूचित जनजाति समुदाय के तीन वीर सपूतों ने भी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में आहुतियां दी हैं. शहीद बाबू परमानंद सरगुजा अंचल के इकलौते शहीद थे, जो आज भी गुमनाम हैं.बावजूद इसके 38 शहीदों के नाम आज भी इतिहास के पन्नों में कहीं ना कहीं दर्ज हैं.आज हम आपको बताएंगे ऐसे ही वीर शहीदों की गाथा.

heroes of Sarguja in freedom movement
सरगुजा अंचल के वीर सपूत

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Published : Jan 25, 2023, 12:46 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : आज हम गणतंत्र दिवस की 73वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं. इस स्वर्णिम अवसर को पाने के लिए देश के अनेक वीर शहीदों ने कुर्बानियां दी हैं. सरगुजा अंचल के वीर सपूतों ने भी कदम से कदम मिलाकर देश को आजाद कराने में अपना सहयोग दिया. आजादी के लिए देश के वीर सपूतों ने हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर कर दिये.

सरगुजा अंचल के वीर सपूत :भारत के ऐसे वीर सपूतों की कुर्बानी, अविस्मरणीय यादें हमेशा प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी. सरगुजा अंचल के वीर सपूतों ने भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के रूप में देश भक्ति का परिचय दिया है. यहां के मूल निवासी अनुसूचित जनजाति समुदाय के वीर सपूतों ने भी स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अपना योगदान दिया है. सरगुजा अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के कुछ नाम लोगों को पता हैं.वहीं कुछ आज भी गुमनाम हैं.



कई शहीदों के नाम गुमनाम :स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर शोध कार्य कर रहे जिला पुरातत्व संघ सूरजपुर के सदस्य व्याख्याता अजय कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि "सरगुजा अंचल के 39 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम प्रकाश में आएहैं. जिनमें सरगुजा जिले से 15, कोरिया जिले से 01 मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले से 10, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले से 03 और जशपुर जिले से 08 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम शामिल हैं. सरगुजा अंचल में गहन शोध करने पर और भी कई नाम प्रकाश में आ सकते हैं. इनमें से सरगुजा गजेटियर 1989 में 26 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम दर्ज हैं. वहीं कुछ आज भी गुमनाम हैं.

सूरजपुर के वीर सपूत बाबू परमानंद आज भी गुमनाम :अजय कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि '' ऐसे वीर सपूतों को प्रकाश में लाना ही ”आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम की सार्थकता है. सरगुजा रियासत के सूरजपुर में ऐसे ही एक वीर सपूत बाबू परमानंद थे. जिन्होंने देश की खातिर महज 18 वर्ष की आयु में ही हंसते-हंसते जेल में प्राण न्यौछावर कर दिये. मैंने सरगुजा अंचल के ज्ञात,अल्प ज्ञात तथा अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को ढूंढा. उनके परिवार वालों से मिलकर उनकी संपूर्ण जीवन गाथा लिखकर इतिहास के पन्नों में लाने का प्रयास कर रहा हूं. मुझे आशा है कि इस पुनीत कार्य में सभी वर्ग के लोग सहयोग करेंगे और ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जो देश की खातिर शहीद हुए उनकी जानकारियों को साझा करेंगे ताकि सरगुजा अंचल के इतिहास को स्वर्णिम बनाया जा सके.''



आजादी की लड़ाई में जनजाति समुदाय का योगदन :आजादी की लड़ाई में सभी जाति, धर्म, समुदाय के लोग देश को आजाद कराने में अविस्मरणीय योगदान दिया. सरगुजा आदिवासी बाहुल्य अंचल है. निश्चित रूप से यहां की जनजाति समुदाय के लोग भी अपने देश की खातिर आजादी की लड़ाई में कुर्बानियां दी होंगी. सरगुजा गजेटियर में सरगुजा अंचल से जनजाति समुदाय के 3 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम मिलते हैं. जिसमें कुसमी के स्वर्गीय महली भगत, स्वर्गीय राजनाथ भगत और गांधीनगर अंबिकापुर के स्वर्गीय मांझी राम गोंड का नाम शामिल है.

सरगुजा अंचल के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
सरगुजा अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर पुस्तक प्रकाशित : अजय कुमार चतुर्वेदी के लिखित पुस्तक “सरगुजा अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी“ का प्रकाशन भी हो चुका है. स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवनी पर आधारित पुस्तक का प्रकाशन सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राइफेड) जनजाति कार्य मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से किया गया है. आकाशवाणी अंबिकापुर से जीवन गाथा का प्रसारण :अजय कुमार चतुर्वेदी की स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के जीवन गाथा का प्रसारण आकाशवाणी अंबिकापुर से पिछले एक वर्षों से किया जा रहा है.इस अनुकरणीय पहल से अंचलवासी योगदान को जान पा रहे हैं.देश को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.ऐसे वीर शहीदों या सेनानियों को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है. सरगुजा अंचल के ऐसे वीर शहीदों सेनानियों को चिन्हित कर चौक, चौराहे सार्वजनिक स्थलों के नामकरण या प्रतिमा स्थापित करने से आम जनता प्ररेणा लेगी और देश सेवा के लिए प्रेरित होगी. सरगुजा अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम : सूरजपुर जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी- शहीद वीर बाबू परमानंद सूरजपुर, धीरेंद्र नाथ शर्मा भैयाथान रोड सूरजपुर. बलरामपुर जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी- स्वर्गीय महली भगत, कुसमी, स्वर्गीय राजनाथ भगत, कुसमी, स्वर्गीय घुरा साव, बरियों.
सूरजपुर जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
बलरामपुर जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
सरगुजा जिले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी: स्वर्गीय उमेद सिंह रावत अम्बिकापुर, स्वर्गीय भास्कर नारायण माचवे अम्बिकापुर, स्वर्गीय मेवाराम कलवार अम्बिकापुर, स्वर्गीय अमृत राव घाटगे अम्बिकापुर, स्वर्गीय रघुनंदन तिवारी लुंड्रा, स्वर्गीय मजही राम गोंड अम्बिकापुर, स्वर्गीय टीवी राव अम्बिकापुर, स्वर्गीय आनंद प्रसाद हलधर अम्बिकापुर, स्वर्गीय राजदेव पांडे लखनपुर, स्वर्गीय नैन सिंह ठाकुर अम्बिकापुर, स्वर्गीय ज्ञानी दर्शन सिंह अम्बिकापुर, स्वर्गीय शिवदास राम अम्बिकापुर, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्याम सिंह गिल, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय वासुदेव प्रसाद खरे, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय इन्द्रदेव सोनी
सरगुजा जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
कोरिया जिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी : स्वर्गीय जगदीश प्रसाद नामदेव बैकुंठपुर, स्वर्गीय रमेश चंद्र दत्त मनेन्द्रगढ़, स्वर्गीय नित्य गोपाल रे हल्दीबाड़ी चिरमिरी, स्वर्गीय मौजी लाल जैन मनेन्द्रगढ़, स्वर्गीय पन्नालाल जैन चिरमिरी, स्वर्गीय अनिल कुमार चटर्जी चिरमिरी, स्वर्गीय शंकरी प्रसाद सेन झगराखांड़, स्वर्गीय गुलाब राम सोनार मनेन्द्रगढ़, स्वर्गीय धरम सिंह मनेन्द्रगढ, स्वर्गीय हेमंत कुमार कार हल्दीबाड़ी चिरमिरी, स्वर्गीय अहिभूषण मुखर्जी चिरमिरी.
कोरिया जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी


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जशपुर जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी: महेश्वर सिंह ग्राम बगुलकेला तहसील दुलदुला, साधु राम अग्रवाल पत्थलगांव, शिव कुमार सिंह ग्राम बालाछावर, चंद्रिकेश्वर दत्त शर्मा जशपुर नगर, पारस नाथ मिश्र कुनकुरी, राम भजन राय जशपुर नगर, नारायण राम यादव ग्राम नावापारा, तहसील कुनकुरी, प्राण शंकर मिश्र जशपुर नगर.

जशपुर जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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