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SPECIAL: सरगुजा का वो सरकारी स्कूल जो बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों को दे रहा है मात - sitapur news

सरगुजा के सीतापुर के ग्राम चलता का सरकारी स्कूल आज जिले के स्मार्ट स्कूलों में गिना जा रहा है. देखिए कैसे इस स्कूल का कायाकल्प हुआ है. जानिए इस स्कूल की बदहाली कैसे खत्म हुई.

good condition of goverment school
सरगुजा के स्कूल की बदली तस्वीर

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Published : Dec 8, 2019, 5:44 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा:कहते हैं जहां चाह है वहां राह है. इसे सच साबित कर दिखाया शैलेष बाबा ने जो सरगुजा में सीतापुर के जनपद उपाध्यक्ष हैं और जिला शिक्षा स्थाई समिति के अध्यक्ष हैं. उन्होंने इलाके के पिछड़े स्कूलों के कायाकल्प का बीड़ा उठाया और दो साल की अथक मेहनत और प्रयास के बलबूते पर इलाके के स्कूलों की तस्वीर बदलनी शुरू कर दी. जिसकी वजह से सीतापुर के ग्राम चलता का सरकारी प्राइमरी स्कूल आज जिले के स्मार्ट स्कूलों में गिना जाता है.

सरगुजा के स्कूल की बदली तस्वीर

स्कूल में वह सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं जो स्कूल को जिले के मॉर्डन और विकसित स्कूलों में ला खड़ा करती हैं. आज से दो साल पहले चलता का प्राइमरी स्कूल बदहाली के आंसू बहा रहा था. अब वह आधुनिक सुविधओं से लैस है. स्कूली बच्चों को पढ़ाई लिखाई से लेकर खेल कूद तक की सारी मॉर्डन सुविधाएं यहां मिल रही है.

स्कूल बना स्मार्ट, क्लास रूम बना डिजिटल
स्कूल का कायाकल्प सिर्फ दीवार और भवन के निर्माण से नहीं हुआ है बल्कि वहां सारी सुविधाएं मुहैया कराई गई है. इस स्कूल में स्मार्ट क्लास रूम, पढ़ाई की डिजिटल सुविधाएं, सर्व सुविधा युक्त प्लेग्राउंड हैं, जिससे छात्र-छात्राओं को फायदा हो रहा है.

स्कूल के शिक्षक कर रहे हैं शैलेष बाबा की तारीफ
स्कूल का कायाकल्प होने से जहां स्कूल के छात्र-छात्राएं खुश हैं वहीं इस स्कूल के शिक्षक के अलावा अंचल के शिक्षा अधिकारी नरेंद्र कुमार सिन्हा भी उनकी तारीफ कर रहे हैं. उनका कहना है कि शैलेष बाबा की सोच ने स्कूल को जिले में अव्वल बना दिया है.

जिले के सरकारी स्कूल देश में बने अव्वल-शैलेष बाबा
स्कूलों के कायाकल्प से जुड़े सवाल पूछने पर शिक्षा स्थाई समिति के अध्यक्ष शैलेश बाबा का कहना है यह उनके जीवन का एकमात्र संकल्प है कि क्षेत्र का विकास और समस्याओं का निवारण हो. उसके लिए वे सबसे पहले विद्यालयों का विकास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि स्कूलों की तस्वीर बदलने का काम लगातार जारी रहेगा. उनका मानना है कि बच्चों के विकास के लिए इस तरह की सुविधाएं स्कूल में देनी होगी. शैलेष बाबा का कहना है कि सीतापुर के स्कूलों का विकास होने से जिले का विकास होगा. उनका सपना है कि सीतापुर के स्कूल देश में अव्वल बने. ऐसे में प्रदेश के तमाम जनप्रतिनिधियों को शैलेष बाबा की सोच से सीख लेने की जरूरत है ताकि शिक्षा के क्षेत्र के साथ-साथ अन्य क्षेत्र में भी बेहतरी हो सके.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

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