सरगुजा: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण सरगुजा जिले में 13 मार्च से लॉकडाउन (lockdown) लगा दिया गया था. इसके साथ ही व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी बंद कर दिए गए थे. 45 दिन तक चले इस लॉकडाउन के बाद 46वें दिन शहर को कई शर्तों के साथ खोला गया. सरगुजा कलेक्टर संजीव झा (Surguja Collector Sanjeev Jha) ने आदेश जारी किया था. जिसमें होटल या रेस्टोरेंट संचालकों को बैठाकर खिलाने की अनुमति नहीं थी. इन्हें अपनी दुकान से पार्सल देने की अनुमति है.
अंबिकापुर में चौपाटी व्यवसायियों के साथ प्रशासन का सौतेला व्यवहार इसी अनुमति के तहत शहर की चौपाटी में भी रेस्टोरेंट खोले गए. लेकिन दूसरे ही दिन अंबिकापुर नगर निगम की टीम (Ambikapur Municipal Corporation team) ने चौपाटी की दुकानों को बंद करा दिया. अब चौपाटी व्यवसायी परेशान हैं. नगर निगम और कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन इनकी फरियाद कोई नहीं सुन रहा है.
सरगुजा शहर अनलॉक लेकिन तीन वार्ड बने कंटेनमेंट
प्रशासन पर सवाल
अब सवाल ये है कि एक ही शहर में एक तरह की संथाओं के लिए दो अलग-अलग तरह के मापदंड कैसे तय कर दिए गए. जब शहर के सभी होटल, रेस्टोरेंट, ठेले संचालित हैं तो ऐसे में चौपाटी के रेस्टोरेंट को क्यों बंद कर दिया गया है ?
सड़क किनारे ठेलों पर लगी भीड़ सरगुजा में अब भी मिल रहे मरीज
सरगुजा में फिलहाल कोरोना के मामलों में कमी देखने को मिली है. जिसके चलते जिले को अनलॉक तो हो चुका है. लेकिन अभी भी शहर के कुछ ऐसे वार्ड है. जहां संक्रमण दर ज्यादा है. जहां बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज (Corona infected patient) सामने आ रहे हैं. ऐसे में कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) मरीजों की संख्या के आधार पर नगर निगम के तीन वार्डों को कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है. इन वार्डों में सभी दुकानें और व्यवसायिक प्रातिष्ठान बंद रहेंगे. प्रभारी अधिकारी कंटेनमेंट जोन में घर पहुंच सेवा के जरिए आवश्यक चीजों की पूर्ति करेंगे. कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत सभी तरह की गाड़ियों का आवागमन बंद रहेगा. सिर्फ इमरजेंसी को छोड़कर लोगों का घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा. कंटेन्मेंट जोन में पुलिस लगातार पेट्रोलिंग करेगी.