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fertilizer crisis in chhattisgarh: सरगुजा में यूरिया खाद की कालाबाजारी जोरों पर, जानिए कैसे हुआ खुलासा ? - सरगुजा प्रशासन ने जांच की बात कही

सरगुजा में यूरिया खाद की कालाबाजारी जोरों पर है. यहां एक बोरी यूरिया जो 266 रुपये में मिल रहा था. वह अब 400 रुपये में बेचा जा रहा है. ईटीवी भारत ने इस समस्या को उठाया है. जिसके बाद सरगुजा प्रशासन ने जांच की बात कही है.

fertilizer crisis in chhattisgarh
सरगुजा में यूरिया खाद की कालाबाजारी

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Published : May 16, 2022, 9:48 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की वजह से भारत में खाद संकट गहराने की संभावना (fertilizer crisis in chhattisgarh) जताई गई है. अनुमान है की इस खरीफ वर्ष में किसानों को यूरिया और डीएपी की कमी हो सकती है. इसे लेकर व्यापारी भी अभी से सतर्क दिख रहे हैं. सरगुजा में 266 रुपये का एक बोरी यूरिया 400 रुपये में बेचा जा (Surguja Farmers upset cost of expensive fertilizers ) रहा है.

सरगुजा में यूरिया खाद की कालाबाजारी
किसान से बात करने पर हुआ खुलासा: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में कुछ किसानों ने बताया कि, यूरिया 750 से 800 रुपए बोरी तक बेचा जा रहा है. लेकिन इसके कोई पुख्ता प्रमाण नही थे. लिहाजा हमने पड़ताल की और यूरिया लेकर जा रहे एक किसान से बातचीत की, किसान ने बताया कि वो एक बोरी यूरिया 400 रुपए में लेकर जा रहा है. उसने कुल 2 बोरी यूरिया 800 रुपए में लिया है.भीड़ से बचने के लिए पहले से किसान खरीद रहे यूरिया खाद: किसान ने बताया कि, अभी खेती का सीजन शुरू नहीं हुआ है. लेकिन बारिश होते ही खेती का सीजन शुरू हो जाएगा और तब दुकानों में भारी भीड़ हो जाती है. खाद के लिए मारामारी होती है. इसलिये उन्होंने पहले ही 2 बोरी यूरिया खरीद लिया है. लेकिन दुकानदार ने उन्हें 400 रुपए की दर से 50 किलो यूरिया दिया है.

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यूरिया खाद से जुड़े ये हैं नियम:जिले भर में 7 कंपनियों के यूरिया की बिक्री होती है. सभी के लिए 266.50 रुपए की दर निर्धारित है. इसके साथ व्यवसायी को अपने दुकान में यूरिया का स्टॉक मेंटेन करना है. यूरिया की उपलब्धता और मात्रा की जानकारी बाहर बोर्ड में प्रदर्शित करना है. यूरिया की बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से करनी है. ताकि हर किसान का रिकॉर्ड उपलब्ध रहे. किसानों को यूरिया की रसीद उपलब्ध कराना है. लेकिन ऐसा कुछ भी यहां नहीं हो रहा है. ना ही रसीद दी जा रही है ना ही दुकान के बाहर स्टॉक प्रदर्शित है और ना ही पीओएस का इस्तेमाल हो रहा है.



ऐसे होता है यूरिया खाद का आवंटन: यूरिया के निजी दुकानदारों को कंपनी से सीधे रैक प्वाइंट से ही यूरिया का आवंटन होता है. इधर अब प्रशासन ये योजना बना रहा है कि, निजी कंपनियों की बैठक लेकर उन्हें निर्देश दिया जायेगा कि व्यावसायियों को अलॉट किये गये यूरिया की जानकारी प्रशासन को भी रहे. क्योंकि कई लोग खाद शॉर्टेज का भ्रम फैलाकर किसानों से मनमानी रकम वसूलने लगते हैं.


खाद दुकानदार ऐसे किसानों को बनाते हैं निशाना:व्यवसायियों द्वारा कई तरह के हथकंडे अपनाकर किसानों को लूटा जा रहा है. किसानों को यूरिया की शॉर्टेज का बहाना बताकर उनसे मोटी रकम वसूली जाती है. इसके अलावा यूरिया के साथ लिक्विड यूरिया खरीदने का दबाव किसानों को दिया जाता है. एक बोरी यूरिया के साथ एक बोतल लिक्विड यूरिया जबरन बेचा जाता है. यूरिया और लिक्विड यूरिया समेत इसकी कीमत 510 रुपये बताई जाती है. किसान द्वारा लिक्विड यूरिया नहीं लेने पर उसे सिर्फ एक बोरी यूरिया 400 रुपये में दी जा रही है.

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इस मामले पर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने क्या कहा:इस मामले में व्यावसायिक संगठन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों का कहना है कि, रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से यूरिया संकट तो होना है. लेकिन किसानों पर इसका बोझ नहीं पड़ना चाहिये. कंपनियों द्वारा लिक्विड यूरिया जबरन दुकानदार को दिया जाता है, और लिक्विड यूरिया बिकता नहीं है. ऐसे में कई बार दुकानदार लिक्विड यूरिया की कीमत का नुकसान यूरिया से कवर करते हैं.



प्रशासन ने कही जांच की बात:वहीं इस मामले में एसडीएम अम्बिकापुर प्रदीप साहू ने बताया कि, पहले ही कलेक्टर महोदय के निर्देश पर सभी दुकानदारों को नियम के तहत खाद बेचने की सलाह दी गई है. लेकिन आपने जो मामला बताया है इसकी जांच करेंगे जांच में अगर दोषी पाया गया तो कार्रवाई की जायेगी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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