सरगुजा: पड़ोसी राज्यों के बाद अब सरगुजा में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है. जिसके बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. संक्रमण की जांच के लिए पक्षियों के सैम्पल लैब भेजे गए थे. सोमवार देर शाम जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. जांच में एवीएन इन्फ्लूएंजा (एन 5 एच 8) की पुष्टि हुई है. यह वायरस पशुपालन विभाग के सकालो स्थित पॉल्ट्री फार्म में हुई है.
पॉल्ट्री फार्म बंद करने के निर्देश 10 किलोमीटर में सर्विलांसजांच रिपोर्ट आने के बाद कलेक्टर सरगुजा ने तत्काल आदेश जारी करते हुए फार्म से 1 किलोमीटर की परिधि को इन्फेक्टेड जोन और 10 किलोमीटर की परिधि में सर्विलांस जोन घोषित किया है.
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चिकन की बिक्री प्रतिबंधित
कलेक्टर ने आदेश जारी कर इन्फेक्टेड जोन में सभी पक्षियों को मारने के आदेश और सर्विलांस जोन में इनकी बिक्री और आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है. मतलब अब इस एरिया में चिकन की बिक्री बंद कर दी जाएगी.
बस्तर संभाग में हुई थी बर्ड फ्लू की पुष्टि
इससे पहले दंतेवाड़ा और बस्तर में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. जिसके बाद प्रशासन ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए थे. बीते दिनों दंतेवाड़ा जिले के बचेली और कुपेर गांव में कुछ पक्षियों की अचानक मौत हो गई थी. बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों ने मृत पक्षियों के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे थे. जांच रिपोर्ट में सभी मृत पक्षियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
दंतेवाड़ा और बस्तर में बर्ड फ्लू की हुई पुष्टि
एवियन इन्फ्लूएंजा नाम के वायरस से फैलने वाली यह बीमारी इतनी घातक है कि यह पक्षियों के साथ-साथ जानवरों और इंसानों में तेजी से फैलता है. इस वायरस से कुछ दिनों में मौत तक हो जाती है. इससे पहले कवर्धा और नारायणपुर में भी पक्षियों की लगातार मौत से प्रशासन में हड़कंप का माहौल था. पक्षियों के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए थे.
सिंहदेव ने लैब बनाने का प्रस्ताव बजट में रखने की कही थी बात
जनवरी में दिल्ली से लौटने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी कहा था कि बर्ड फ्लू को लेकर लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. इसकी जांच के लिए लैब बनाने का प्रस्ताव बजट में रखा जाएगा.
जशपुर में भी हाई अलर्ट
बालोद, दंतेवाड़ा और बस्तर संभाग में बर्ड फ्लू संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. इस बात को ध्यान में रखकर जशपुर जिले के पशु चिकित्सा विभाग के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में पक्षियों के परिवहन पर कड़ी नजर रखने की हिदायत अधिकारियों को दी गई है. इसके अलावा पक्षियों में किसी भी प्रकार की बीमारी, असामान्य लक्षण या आकस्मिक मौत होने पर विभाग को सूचित करने के लिए लोगों को बताया जा रहा है.