सरगुजा: भाई बहन के प्रेम के प्रतीक का पर्व रक्षाबंधन में बहन अपनी रक्षा के लिए भाई को रक्षा सूत्र बांधती है और भाई बहन की रक्षा का वचन देता है. लेकिन भाई दूज एक ऐसा पर्व है जिस दिन बहन भाई की रक्षा का प्रण करती हैं. दीपावली के तीसरे दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है.
भाई दूज 2021: बहन करती है भाई की रक्षा का प्रण - भाई की रक्षा का प्रण
भाई दूज एक ऐसा पर्व है जिस दिन बहन भाई की रक्षा का प्रण करती हैं. दीपावली के तीसरे दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है.
![भाई दूज 2021: बहन करती है भाई की रक्षा का प्रण Bhai Dooj 2021](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-13558526-thumbnail-3x2-nep.jpg)
देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग मान्यताओं के साथ यह पूजा की जाती है. सरगुजा क्षेत्र में जौरा और भौरा की प्रचलित कहानी के अनुसार गोबर के जौरा भौरा बनाकर बहने पूजा के दौरान उसे मूसल से कूटती हैं. यह व्रत पूजा बहने भाइयों की लंबी उम्र के लिये करती हैं. एक स्थान पर कुछ महिलाएं और युवतियां एकत्र होकर जौरा भौरा की प्रतिमा गोबर से बनाती हैं. उसमें ईंटा, पत्थर, 7 लकड़ी और मूसल से कूटते हैं. इस रूपके बहन भाइयों के दुश्मनों को कूट कर भाइयों की रक्षा का प्रण करती हैं.
वहीं दूसरी मान्यता यह भी है कि इस दिन पुरुषों के ऊपर श्राप रहने से उनकी रक्षा होती है. इसलिए भाइयों को बहने श्राप भी देती हैं ताकि उनकी रक्षा हो सके, श्राप देने के बाद अपने मुंह मे बहने कांटा चुभोती हैं. भाइयों को श्राप देने के प्रयाश्चित के रूप में कांटा चुभाने की मान्यता है. इस पूजा के बाद पहने भाई को नारियल, चना और मिठाई खिलाकर भाई के तिलक लगाकर आरती उतारती हैं और लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं.