सूरजपुर:जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना का बुरा हाल है. सूरजपुर से 25 किलोमीटर दूर स्थित झिलमिली ग्राम पंचायत सहित पूरे जिले में पीएम आवास योजना के तहत बनाए जा रहे घरों के हितग्राही भरे बरसात में छत के लिए तरस रहे हैं. गांव में हितग्राहियों को पीएम आवास योजना के तहत सिर्फ पहली किश्त की राशि मिली, जिसके बाद उन्होंने घर का निर्माण शुरू करा दिया. 8 महीने बीत जाने के बाद भी दूसरी किश्त ग्रामीणों के खाते में नहीं आई. अब हालात ये है कि ग्रामीणों के पास सिर छुपाने के लिए पुरानी छत तो है, लेकिन उस छत से बारिश का पानी टपकता है.
पीएम आवास योजना नहीं मिल रही राशि सरकार ग्रामीणों को सुविधा देने के लिए कई तरह की योजनाएं लाती है, लेकिन इन योजनाओं की हकीकत तब सामने आती है जब अंदरूनी इलाकों में पड़ताल की जाती है. जमीनी स्तर पर सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे है. सूरजपुर की कई ग्राम पंचायचों में पीएम आवास के तहत बनने वाले कई घर करीब 2 साल से अधूरे पड़े हैं.
प्रधानमंत्री आवास के तहत अधूरा है घर निर्माण बुजुर्ग ने सुनाई आपबीती
झिलमिली ग्राम पंचायत में एक बुजुर्ग ने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाले आवास में शिफ्ट होने का सोचा तो पता चला कि वहां तो नींव ही रखी गई है और चारों तरफ सिर्फ दीवार खड़ी कर दी गई है. बुजुर्ग ने बताया कि पीएम आवास योजना की पहली किश्त 45 हजार रुपए 2018 में मिली थी. जिसके बाद दूसरी किश्त 35 हजार रुपए भी मिला, जिसके बाद भी मकान निर्माण अधूरा ही रह गया. इस घर को बनाने के लिए बुजुर्ग ने कर्ज लेकर 20-25 हजार रुपए भी लगा दिए, लेकिन फिर भी घर निर्माण का काम पूरा न हो सका. पीएम योजना के तहत घर निर्माण की तीसरी किश्त अब तक नहीं मिली है.
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बुजुर्ग के सामने अब बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. कच्चे मकान को भी इसकी वजह से आधा गिरा दिया गया था. जिसकी वजह से अब बुजुर्ग को परेशानी हो रही है. बारिश का पानी घर में घुस रहा है, वहीं छत से पानी टपकता है. वहीं बुजुर्ग अब कर्ज में डूबा हुआ है और उसने शासन-प्रशासन से घर बनाने की मांग की है.