सरगुजा : प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई महतारी दुलार योजना जिले में दम तोड़ती नजर आ रही (bad condition of Mahtari Dular Yojana in Ambikapur ) है. भयंकर त्रासदी से गुजरे परिवारों के जख्म पर सरकार ने फीस माफ करने का ऐलान करके मरहम लगाया था. महतारी दुलार योजना से ऐसे बच्चों की पढ़ाई कराने का वादा किया था जिनके माता या पिता की मृत्यु कोरोना काल में हुई हो. लेकिन अब ऐसा नही हो रहा है. प्राइवेट स्कूल फीस उन बच्चों से भी फीस वसूल रहे हैं जिनके यहां कमाने वाला कोई नहीं.वहीं दूसरी तरफ सरकार सब कुछ भूल कर आराम कर रही है.
अंबिकापुर में महतारी दुलार योजना का निकला दम स्कूलों तक नहीं पहुंची फीस : इस योजना के तहत बच्चों की पढ़ाई तो शुरू हो गई लेकिन बच्चों की ट्यूशन फीस अब तक स्कूलों में नहीं पहुंच पाई है. स्कूलों में ट्यूशन फीस नहीं आने के कारण अब स्कूल प्रबंधन बच्चों पर सख्ती कर रहे हैं . उनसे जबरन फीस की वसूली की जा रही है जबकि शासन द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया था कि ऐसे बच्चों की फीस शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी.
निर्देश के बाद भी मनमानी : हैरानी की बात तो ये है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल प्रबंधन को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया गया है कि बच्चों की फीस शासन से उनके खातों में जमा हो जाएगी. इसके बाद भी बच्चों से जबरन फीस वसूल कर ली गई. फीस जमा होने में हुई देरी और स्कूल प्रबंधन की सख्ती का असर बच्चों पर पड़ रहा है. वहीं अब इन बच्चों को अगले सत्र से अपनी पढ़ाई की चिंता सता रही है.
बच्चों को भविष्य की चिंता : महतारी दुलार योजना के तहत योजना का लाभ लेने वाली छात्र कक्षा आठवीं की छात्रा शिरीन सियोना बानवर के पिता की मौत 27 अप्रैल 2021 को कोरोना से हो गई थी. अब बच्ची अपनी मां ख्रीस्तीन बानवर और दादी प्रिसिल्ला बानवर के साथ रहती है. कक्षा आठवीं की छात्रा की सालाना फीस 33150 रुपए है. पिता के बाद अब घर में कोई कमाने वाला नहीं बचा है. ऐसे में परिवार पालना ही बड़ी चुनौती है. कोरोना से पिता की मौत के बाद मां और दादी किसी तरह अपना परिवार चला रही है. उन्हें उम्मीद थी कि महतारी दुलार योजना के तहत बच्ची की 12वीं तक की पढ़ाई हो जाएगी. लेकिन ट्यूशन फीस जमा नहीं होने से उनकी परेशानी बढ़ गई.
रिश्तेदारों से मांगी मदद : बच्ची की मां ख्रीस्तीन के अनुसार स्कूल से फीस भरने का दबाव आने पर उन्होंने स्कूल की सिस्टर को परिवार की स्थिति से अवगत कराया जिसके बाद सिस्टर ने अपनी ओर से 21 हजार रुपए का चेक दिया. शेष राशि किसी तरह उन्होंने जमा कर स्कूल की फीस भरी. लेकिन अब आगे की फीस कैसे भरी जाएगी और बच्ची की पढ़ाई का क्या होगा इसे लेकर अभिभावक चिंतित है.
कितने बच्चों का हुआ एडमिशन :महतारी दुलार योजना के तहत कोरोना संक्रमण से माता पिता या दोनों में से किसी एक की मौत के बाद जिले में 64 बच्चों का एडमिशन निजी स्कूलों में शासन की ओर से कराया गया था. इन बच्चों को छात्रवृत्ति के साथ ही ट्यूशन फीस भी मिलनी थी. बच्चों की छात्रवृत्ति तो पहुंच गई लेकिन ट्यूशन फीस अब तक नहीं आई है. हालांकि शिक्षा विभाग का कहना है कि ''स्कूल प्रबंधन को पत्र जारी किया गया है कि राशि उनके खातों में सीधे जमा कराई जाएगी लेकिन प्रशासन के आदेश का भी निजी स्कूलों पर कोई असर नहीं हुआ है.''इस संबंध में जिला शिक्षाधिकारी संजय गुहे ने बताया "महतारी दुलार योजना के तहत 64 बच्चों का एडमिशन निजी स्कूलों में कराया गया है. बच्चों की छात्रवृत्ति पहुंच गई है और ट्यूशन फीस आना शेष है. इस हेतु उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है. वहीं स्कूल प्रबंधन को भी पत्र जारी किया गया है कि वे छात्रों से फीस ना वसूले ट्यूशन फीस सीधे स्कूल के खाते में जमा हो जाएगी"
सरकार का क्या था वादा : कोरोना संक्रमण काल (corona transition period) में बड़ी संख्या में लोगों की संक्रमण के कारण मौतें हुई. कोरोना से हुई इस त्रासदी के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा महतारी दुलार योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या दोनों में से किसी एक की मौत कोविड-19 संक्रमण के कारण हुई है तो उनके पढ़ाई का खर्चा राज्य शासन वहन करेगी. महतारी दुलार योजना के तहत शासन इन बच्चों को गोद लेगी और उनकी ट्यूशन फीस खुद जमा कराने के साथ ही उन्हें छात्रवृत्ति भी प्रदान करेगी. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. Ambikapur latest news