अंबिकापुर:कोरोना संक्रमण के कारण वीरान पड़े आंगनबाड़ी केंद्र सोमवार को दोबारा खोल दिए गए. छोटे बच्चों की मौजूदगी ने आंगनबाड़ी केंद्रों को फिर से गुलजार कर दिया. बच्चों, शिशुवती माताओं, गर्भवती स्त्रियों को गर्म भोजन परोसा गया. इस दौरान संक्रमण के खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य सुरक्षा मानकों का भी ख्याल रखा गया.
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दरअसल कोरोना संक्रमण की शुरुआत के साथ ही लगाए गए लॉकडाउन के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद कर दिया गया था. अनलॉक 4 में आंगनबाड़ी केंद्रों को भी खोलने का निर्णय लिया गया. केंद्र से आदेश जारी होने के बाद शासन स्तर पर सभी जिलों को 7 सितंबर से आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाने का आदेश दिया गया, हालांकि कंटेनमेंट जोन में आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों को नहीं खोले जाने के निर्देश दिए गए.
सोशल डिस्टेंसिंग व कोरोना प्रोटोकॉल का खास ध्यान
शासन के फैसले पर विपक्ष ने सवाल उठाए, और दोबारा आंगनबाड़ी केंद्रों के खोले जाने पर विचार करने की सलाह दी. फिलहाल शासन के निर्देश के बाद महिला व बाल विकास विभाग द्वारा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को सेनिटाइज किया गया. इसके बाद कंटेनमेंट जोन के अंदर आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों को छोड़कर सभी केंद्रों को खोल दिया गया. केंद्रों में बच्चों व शिशुवती माताओं को गर्म भोजन दिया गया. इस दौरान बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रवेश से पहले उनके हाथ धुलाने के साथ ही मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता की गई. इसके साथ ही मितानिन व सहायिकाओं को भी इसके लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया गया है.
नहीं खुले 125 केंद्र
अधिकारियों के मुताबिक जिले में 2463 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. शासन ने निर्देश दिया है कि जो केंद्र कंटेनमेंट जोन के अंदर आते है उन्हें नहीं खोला जाएगा. ऐसे में सोमवार को जिले के 125 आंगनबाड़ी केंद्रों को नहीं खोला गया. कंटेनमेंट जोन होने के कारण यहां बच्चों और शिशुवती माताओं को पोषण आहार नहीं मिल पाया. बाकी सभी केंद्रों में शासन के निर्देश के तहत भोजन का वितरण किया गया.
अभिभावकों से ली गई अनुमति
कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच आंगनबाड़ी केंद्रों में छोटे बच्चों व शिशुवती माताओं को बुलाने व खाना खिलाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे, ऐसे में अधिकारियों का कहना है कि जिन क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए, वहां जनप्रतिनिधियों से सलाह ली गई है और अभिभावकों की अनुमति के बाद भी बच्चों व महिलाओं को बुलाया गया.