सरगुजा: सिनेमा, थिएटर और मल्टीप्लेक्स, तमाम टीवी चैनलों, ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिये हम न जाने मनोरंजन के कितने संसाधनों की ओर बढ़ चुके हैं. जाहिर सी बात है आपने बहुत से आधुनिक युग के थिएटर देखे होंगे. आज हम आपको रामगढ़ स्थित एक प्राचीन नाट्यशाला के बारे में बताने वाले हैं.
अब सवाल उठता है कि एक नाट्यशाला में कौन-कौन सी चीजें जरूरी होती हैं. एक मंच, उसके सामने दर्शक दीर्घा, मंच के दोनों ओर ग्रीन हाउस (कलाकरों का मेकअप रूम), नेचुरल लाइट और साउंड की व्यवस्था. ये सब कुछ आधुनिक संसाधनों से बिना यहां मौजूद है.
नाट्यशाला में बने छिद्रों का है अपना महत्व
रामगढ़ की प्राचीन नाट्यशाला एक गुफा में स्थित है. इसका निर्माण पत्थरों को तराशकर किया गया था. इसमें मंच, दर्शक दीर्घा और मेकअप रूम मौजूद है. नाट्यशाला में काफी लंबे-लंबे छिद्र हैं. शोधकर्ताओं का मानना है इन छिद्रों की मदद से टेली कम्युनिकेशन किया जाता था. मंच पर प्रस्तुति दे रहे कलाकारों को निर्देशक इन्हीं छिद्रों से निर्देश देते थे. खूबियों से भरे इस मंच में नेचुरल साउंड सिस्टम का भी खास इंतजाम किया गया था.
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