सरगुजा :फुटबॉल दुनियाभर में लोकप्रिय खेल है. भारत में इसके चाहने वालों की बड़ी तदाद है. सरगुजा के आदिवासी क्षेत्र में भी कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने फुटबॉल की मदद से अपना जीवन संवारा. जिला ही नहीं छत्तीसगड़ का भी मान बढ़ाया. लेकिन जिस एकेडमी से इन खिलाड़ियों ने फुटबॉल सीखा, आज वो खुद मदद की राह ताक रहा है. सरगुजा के फुटबॉल एकेडमी को सीएसआर मद से संचालित करने का फैसला लिया गया था. लेकिन मौजूदा समय में कंपनी ने फंड देने से हाथ खींच लिए हैं.
आदिवासी क्षेत्र में लोकप्रिय है फुटबॉल, लेकिन एकेडमी की हालत खस्ता :आदिवासी बाहुल्य सरगुजा में फुटबॉल काफी लोकप्रिय है. ग्रामीण अंचलों में फुटबॉल के अच्छे खिलाड़ी हैं. इसी वजह से सरगुजा के फुटबॉल से जुड़े कई आयोजन होते हैं. सरगुजा के कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है. इन खिलाड़ियों को तैयार करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है फुटबॉल एकेडमी ने. लेकिन मौजूदा समय में इस एकेडमी को चलाने के लिए फंड नहीं है. इसके कारण अब यहां फुटबॉल सीखने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं.
अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में जलवा बिखेर चुके हैं खिलाड़ी :खेल प्रशिक्षक विकास सिंह के मुताबिक सरगुजा में कई बड़े फुटबॉल खिलाड़ी हुए हैं. 2013 में तत्कालीन कलेक्टर आर प्रसन्ना ने एक फुटबॉल एकेडमी की शुरुआत की. अडानी समूह को इसके संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद यहां से कई बच्चों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक परफॉर्म किया. 2013 से 2021 तक यहां के 95 बच्चों ने राष्ट्रीय स्तर और 4 बच्चों ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इनमें से दो खिलाड़ियों ने ईरान में आयोजित टूर्नामेंट में इंडिया की ओर से परफॉर्म किया. वहीं 2 बच्चों ने अंडर 14 ग्रुप में डेनमार्क में जाकर देश का प्रतिनिधित्व किया.