सरगुजा :जिले में साइंस के क्षेत्र में नया इनोवेशन किया गया है. यह इनोवेशन अम्बिकापुर के स्वच्छता मॉडल में चार चांद लगा सकता है. स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी अम्बिकापुर नगर निगम पहले नालियों के पानी को ट्रीट करके नालों में छोड़ता था, लेकिन इस नये प्रयोग से अब नाली का गंदा पानी नालियों में (Ambikapur Municipal Corporation will clean drain water ) ही साफ हो जायेगा. इससे नाली के आसपास के इलाके में रहने वालों को बदबू और गंदगी से छुटकारा मिलेगा.
Ambikapur Municipal Corporation will clean drain water : छोटी गोलियां करेंगी बड़ा कमाल, साफ होगा नाले का पानी
अम्बिकापुर के बायोटेक लैब के साइंटिस्ट (Ambikapur Biotech Lab Scientist Dr Prashant) डॉ प्रशांत ने एक बॉल तैयार की है. इस बॉल के सहारे अब नालियों का गंदा पानी साफ हो सकेगा. ऐसा करने वाला अंबिकापुर देश का पहला निकाय बन जाएगा.
अम्बिकापुर के बायोटेक लैब में लैब साइंटिस्ट डॉ प्रशांत ने किया प्रयोग
दरअसल यह प्रयोग अम्बिकापुर के बायोटेक लैब में लैब के साइंटिस्ट (Ambikapur Biotech Lab Scientist Dr Prashant) डॉ प्रशांत ने किया है. अब अम्बिकापुर नगर निगम यह प्रयोग शहर की नालियों पर कर रहा है. साइंटिस्ट ने एक बॉल तैयार की है. इस छोटे-छोटे बॉल को नालियों में डाला जाता है. जिससे नाली में गंदगी और बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं. साथ ही नाली का पानी भी साफ हो जाता है. असल में यह बॉल बैक्टीरिया और फंगल आईसोलेट है. इस कारण बॉल के बैक्टीरिया और फंगस मिलकर नाली के बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं.
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साइंटिस्ट की यह छह साल की मेहनत
यह प्रयोग साइंटिस्ट की 6 साल की मेहनत है. 6 साल की मेहनत से साइंटिस्ट ने यह ईको फ्रेंडली बॉल बनाई. इसे ई-बॉल नाम दिया गया है. साइंटिस्ट ने एक बड़ा प्रयोग कर नगर निगम के हवाले किया है. इसका फायदा अब न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरा देश उठा सकता है.
नाली का पानी साफ करने वाला पहला निकाय होगा अंबिकापुर
नगर निगम के लिए यह ई-बॉल संजीवनी बूटी साबित हो सकती है. क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण में वाटर प्लस की रैंकिंग (Ambikapur in ranking of Water Plus) में नाली में ही पानी को साफ करने वाला देश का पहला निकाय अम्बिकापुर होगा. इसके साथ ही गंगा बेसिन में शामिल अम्बिकापुर शहर अब गंगा बेसिन व एनजीटी के नियमों के पालन में भी एक और बड़ा कदम आगे बढ़ा सकेगा. फिलहाल इस ई-बॉल के पहले चरण का टेस्ट पूरा हो चुका है. परीक्षण में ई-बॉल सफल साबित हुई है. जल्द ही इसे अनिवार्य रूप से नगर निगम अपने उपयोग में ले लेगा.