सरगुजा :अंबिकापुर-प्रतापपुर सड़क निर्माण में बरती जा रही लापरवाही और गुणवत्ताहीन निर्माण को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित लोगों ने CGRDC (छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के DPM को बंधक बना लिया. इसके साथ ही महिलाओं ने अधिकारियों को चूड़ी पहनाकर अपना विरोध जताया. नागरिक घटिया निर्माण पर रोक लगाने के साथ ही टेंडर के मुताबिक सड़क बनाए जाने की मांग कर रहे थे.
गुणवत्ताविहीन सड़क पर फूटा लोगों का गुस्सा दरअसल, अंबिकापुर से प्रतापपुर के बीच 63 करोड़ रुपए की लागत से 40 किमी की सड़क का निर्माण करवाया जा रहा है. इस सड़क का निर्माण वर्ष 2017 से करवाया जा रहा है, जिसे डेढ़ साल में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन 3 साल बीतने के बाद भी सड़क का निर्माण अधूरा है.
बनने से पहले उखड़ी सड़क
सड़क पूरी तरह बनने से पहले ही जगह-जगह से उखड़ने लगी है और पुल-पुलिया धंसने लगे हैं. वहीं ठेकेदार द्वारा जगह-जगह सड़क पर मिट्टी के ढेर छोड़ दिए गए हैं और नालियों को भी खुला छोड़ दिया गया है. इस बेतरतीब और गुणवत्ताहीन निर्माण को लेकर लोगों में काफी आक्रोश था.
रात के अंधेरे में करवाया जा रहा था काम
बताया जा रहा है कि शनिवार की रात दुर्गा पंडाल से पूजा अर्चना के बाद लौट रहे बच्चे गड्ढे में गिरकर घायल हो गए थे, जिसके बाद लोगों का गुस्सा काफी बढ़ गया था. रविवार को अधिकारियों व ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन सड़क को तोड़कर नए सिरे से बनाने के लिए कोशिश की जा रही थी और मिट्टी-मुरुम गिराकर उस पर डामरीकरण कर रुके हुए भुगतान को निकालने की कोशिश की जा रही थी.
DPM को बनाया बंधक
इसकी जानकारी मिलने पर लोग भड़क उठे और शिकायत कर CGRDC के DPM पीके श्रीवास्तव को सरगंवा में बुलवाया गया, जहां लोगों ने डीपीएम को यह कहते हुए बंधक बना लिया कि जब तक ईई, ठेकेदार व अन्य अधिकारी नहीं पहुंचते तब तक वे मौके से नहीं जा सकते हैं.
कलेक्टर ने रोक दिया है भुगतान
पहली बारिश में ही गुणवत्ताहीन सड़क के बह जाने और पुल के धंस जाने पर कलेक्टर द्वारा जांच के बाद नए सिरे से सड़क निर्माण के निर्देश दिए गए थे और भुगतान रोक दिया गया था, लेकिन कलेक्टर के निर्देशों का पालन करने के बजाए ठेकेदार व अधिकारी अपना रुका हुआ बिल निकालने की फिराक में फिर से छुट्टी के दिन अंधेरे में निर्माण कार्य करा रहे थे.