अंबिकापुर: मंगलवार को वर्ल्ड टर्टल डे है. भारत में घर पर कछुआ पालने का ट्रेंड है. कुछ लोग मछलियों के साथ इसे एक्वेरियम में रखते हैं. इसके पीछे की दो वजहें हैं. एक तो शौक और और दूसरी है धर्मिक मान्यता. हिन्दू धर्म में कछुए को शुभ माना गया है. कछुए को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है. इसके साथ ही इसे धन संपदा के लाभ से भी जोड़ा जाता है. लेकिन क्या आपको पता हैं कि कछुआ पालने से आप मुसीबत में पड़ सकते हैं. कौन सा कछुआ पाल सकते है और कौन सा नहीं. ETV भारत ने इसकी पड़ताल की. जानें कछुआ पालने के फायदे क्या हैं और कानूनी नियम क्या हैं.
घर में कछुआ रखने के फायदे:"भारतीय हिन्दू दर्शन और शास्त्रों में कछुआ का विशेष महत्त्व बताया गया है. कछुआ जीवित शक्ति का परिचायक है. किसी घर मे अगर बार बार रोग बीमारी आती है, तो वहां कछुआ रखना शुभ माना गया गया है. कछुआ आयु की वृद्धि का प्रतीक है. क्योंकि उनकी आयु शतायु बताई गई है. 100 वर्ष की उम्र जीने वाला पृथ्वी पर एक प्राणी है वो है कछुआ, और कछुए की पीठ काफी सख्त और उठी हुई होती है. ज्योतिष और धर्म शास्त्रों में दशावतारों में भगवान विष्णु का एक रूप कच्छप अवतार भी था. समुद्र मंथन के समय भगवान विष्णु ने कछुआ रूप में अपनी पीठ पर मंदार पर्वत को धारण किया था. इसलिए घर की उत्तर दिशा में कछुआ रखें यह घर मे इसका मुख घर की ओर हो. धन सम्पत्ति के लिये भी यह लाभकारी है."-योगेश नारायण मिश्र, ज्योतिष शास्त्री पंडित
कछुआ पालने के नियम:अधिवक्ता दिनेश सोनी कहते हैं कि"कछुआ पालना धर्मिक मान्यता है. लेकिन भारत सरकार ने कछुआ पालने के सबंध में नियम बना दिये हैं. अलग अलग राज्य में अलग कानून है. विलुप्त प्रजाति के कछुओं को कठोर कार्रवाई होती है. भारतीय कछुआ पालना दंडनीय अपराध है. इसमें 6 माह से लेकर 3 साल तक की सजा का प्रावधान है. जो विदेशी कछुआ है. उसे पाल सकते हैं. लेकिन इसमे भी अनुमति की जरूरत पड़ती है. स्टार नस्ल का कछुआ पालने पर कठोर सजा का प्रावधान है. वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कानून का उल्लंघन माना जाता है और आपके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है." -दिनेश सोनी, अधिवक्ता