सरगुजा: कोरोना महामारी (corona pandemic) के बीच छत्तीसगढ़ में स्कूल जाने वाले छात्रों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. जानबूझकर छोटे बच्चों की जिंदगी खतरे में डालने का काम किया जा रहा है. ये हम नहीं कह रहे हैं. इस बड़ी लापरवाही की गवाही खुद शिक्षा विभाग के आंकड़े दे रहे हैं. हमारी पड़ताल में जो तथ्य सामने आये हैं, वो चौकाने वाले हैं. जब एक जिले का यह हाल तो संभव है कि पूरे प्रदेश का यही हाल होगा.
दरअसल सरगुजा में 50% से भी ज्यादा ऐसे स्कूल के स्टाफ हैं, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज (second dose of corona vaccine) नहीं लगी है. जबकि शासन के निर्देश के बाद स्कूल खोल गए हैं. स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के मुताबिक, स्कूल में बच्चों के संपर्क में आने वाला टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ (non teaching staff) को दोनों ही डोज की वैक्सीन लगी होनी चाहिये. इतना ही नहीं दूसरे डोज की वैक्सीन लगने के दो सप्ताह बाद ही स्कूल में ऐसे स्टाफ आ सकते हैं. लेकिन सरगुजा जिले के आंकड़े चौकाने वाले हैं. यहां आधे से अधिक स्टाफ को अब तक दूसरे डोज की वैक्सीन नहीं लगी है. दो सितंबर को स्कूल खोलने के नए आदेश के बाद प्राइवेट स्कूलों में, स्कूल खोलने की आतुरता देखी जा रही है. ऐसे में ना सिर्फ शासन के नियमों की अवहेलना हो रही है, बल्कि मासूम बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है.
आंकड़ों पर एक नजर
हमने शिक्षा विभाग से जिले के स्कूल स्टाफ के वैक्सिनेशन की डिटेल (Vaccination details) मांगी. इस डिटेल को देखने के बाद चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. आंकड़ों को देख आप भी सहम जाएंगे कि आखिर ऐसी कौन सी पढ़ाई पीछे छूट रही है, जो बच्चों की जिंदगी से ज्यादा अनमोल हो सकती है. ऑनलाइन क्लास (online classes) तो चल रही रही थी. फिर ऑनलाइन कक्षाओं (online classes) के संचालन की इतनी भी क्या जरूरत आन पड़ी कि नियमों को भी दरकिनार किया जा रहा है.