सरगुजा :अंबिकापुर में दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है. दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं से प्रेरित होकर छत्तीसगढ़ में भी कई काम किए जा रहे हैं. मोहल्ला क्लीनिक की तरह अम्बिकापुर शहर में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल इनमें से 2 नए स्वास्थ्य केंद्रों का शुभारंभ भी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कर दिया है.
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दवा, वैक्सिनेशन के साथ प्रसव की सुविधा
इन अस्पतालों में प्राथमिक उपचार के साथ-साथ दवाईयों, वैक्सीनेशन, एड्स के कार्यक्रम, टीवी और गैरसंचारी रोग, प्रसव पूर्व जांच और प्रसव की व्यवस्था भी की गई है. अब यहां करीब 15 वार्ड के लोगों को सुगम और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं. इन दो नए स्वास्थ्य केंद्रों के खुलने से करीब 30 हजार की आबादी को जिला अस्पताल में जाकर भीड़ में लाइन लगाने की जरूरत नहीं बची है. स्वास्थ्य केंद्र खुलने से लोग खासे खुश हैं और इस बेहतरीन योजना को लगातार सफलतापूर्वक संचालित किए जाने की मांग कर रहे हैं.
यूनिवर्सल हेल्थ केयर का सपना
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सत्ता में आने के पहले से ही प्रदेश में अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यूनिवर्सल हेल्थ केयर का प्लान बनाया था और लगातार इस दिशा में काम कर रहे थे. अब इन नए स्वास्थ्य केंद्रों के खुलने से ये सपना सच होता दिख रहा है. पुराने शासकीय स्वास्थ्य केंद्र के भवन में प्रति भवन 2.5 लाख का खर्च किया गया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू किया गया. वहीं अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए नवीन भवन के लिए 75-75 लाख की स्वीकृति भी मिल चुकी है यानी कि दो भवन 1 करोड़ 50 लाख में बनकर तैयार होंगे. नए भवन के निर्माण के बाद इन अस्पतालों का स्वरूप और भी बेहतरीन होगा.
नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन कर रहा काम
नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन की टीम इस काम में लगी हुई है. 2 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सौगात के बाद शहर में अब 6 अलग-अलग स्थानों पर लोगों को इलाज की सुविधा मिल सकेगी. दरअसल अंबिकापुर में संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल मेडिकल कॉलेज अस्पताल संचालित है. इसके अलावा जिला अस्पताल के नए सेटअप को भी स्वीकृति मिल चुकी है. वहीं नवापारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोगों को बेहतर इलाज देकर नए आयाम को छू रहा है. इसके अलावा सालों पुराना फुंदूडिहारी का अस्पताल जो कभी ग्रामीण क्षेत्र में आता था, वो आज अंबिकापुर शहर में है. शहर के लोगों को उसका लाभ मिल रहा है, लेकिन शासकीय दस्तावेजों में ये अस्पताल सरगुजा के ग्रामीण अस्पतालों में गिना जाता है. इसे शहर में शामिल करने के लिए भी शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. वहीं अब नवागढ़ और भगवानपुर में 2 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोल दिए गए हैं. इन नए स्वास्थ्य केंद्रों में प्रति अस्पताल 2 मेडिकल ऑफिसर, 2 स्टाफ नर्स, 2 एएनएम, 1 लैब टेक्नीशियन, 1 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है.
अभी और केंद्र की जरूरत
बहरहाल स्वास्थ्य विभाग का प्रयास अच्छा है, लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्रों की सतत मॉनीटरिंग और दिल्ली जैसी सुविधा के लिए अभी और स्वास्थ्य केंद्र खोले जाने की आवश्यकता है. अंबिकापुर की आबादी तेजी से बढ़ रही है. 2011 की जनगणना के मुताबिक, शहर की अबादी करीब 2 लाख थी और अब तक दोबारा जनगणना नहीं हुई है, लेकिन राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से देखें तो वर्तमान में अंबिकापुर की आबादी 3 लाख के पार हो चुकी है. ऐसे में सरल, सुगम और सस्ती स्वास्थ्य व्यवस्था के सपने को साकार करने के लिए कुछ और केंद्र खोले जाने की जरूरत दिखाई पड़ती है.
दिल्ली सरकार का काम देखने जा चुके हैं सिंहदेव
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस बार दिल्ली सरकार के कामों को देखने दिल्ली जा चुके हैं और सत्ता में आने के बाद से ही वो दिल्ली मॉडल के पक्षधर रहे हैं. वे कई बार ये कह चुके हैं कि खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में दिल्ली मॉडल छत्तीसगढ़ में अपनाया जाना चाहिए. इसी सपने को साकार करते हुए प्रदेश में इंग्लिश मीडियम एक्सीलेंस स्कूल खोले गए, जहां ना सिर्फ इंग्लिश माध्यम से पढ़ाई हो रही है, बल्कि स्कूल के इन्फ्रास्ट्रक्चर भी प्राइवेट स्कूलों जैसे हैं. इन स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधा दी जा रही है.