रायपुर: जन्माष्टमी के 15 दिन बाद भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधा अष्टमी मनाई जाती है. राधा अष्टमी के दिन राधा जी का जन्म हुआ था. इस दिन राधा और कान्हा की पूजा की जाती है. राधा रानी को भगवान कृष्ण की प्रेमिका के रूप में जाना जाता है. इनका अवतार कमल के फूल से हुआ. राधाअष्टमी के दिन श्रद्धालु बरसाना की ऊंची पहाड़ी पर स्थित गहवर की परिक्रमा करते हैं. राधा अष्टमी मुख्य रूप से ब्रज क्षेत्र में मनाया जाता है. इस दिन राधा और भगवान कृष्ण के विग्रह को फूलों से सजाया जाता है. राधा अष्टमी के दिन भक्तों को राधा रानी के चरणों के दर्शन मिलते हैं. बाकी दिन राधा के पैर ढके रहते हैं. Radha Ashtami 2022
ब्रज क्षेत्र में मनाई जाती है राधा अष्टमी:परंपरा के अनुसार गौडिया वैष्णव राधा और कृष्ण की विशेष पूजा करते हैं. इस संप्रदाय के लोग भगवत गीता और भागवत का पाठ करते हैं. कुछ लोग निर्जला व्रत करते हैं. इसके अलावा कुछ लोग प्रथाओं और परंपराओं के अनुरूप आधे दिन का उपवास करते हैं. राधाअष्टमी बरसाना, मथुरा, वृंदावन, नंदगांव में मुख्य रूप से मनाई जाती है.
अष्टमी का मुहूर्त:राधा अष्टमी की तिथि 3 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से शुरू हो जाएगी, जो 4 सितंबर सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक रहेगी.उदया तिथि के अनुसार राधा अष्टमी का त्योहार 4 सितंबर को मनाया जाएगा. इस दिन पूजा करने का शुभ मुहुर्त सुबह 4 बजकर 36 मिनट से सुबह 5 बजकर 2 मिनट तक रहेगा.