रायपुरः रायपुर में अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाओं ने बूढ़ा तालाब धरना-प्रदर्शन किया. उन्होंने जीवित नागरिक को कफन ओढ़ाया और शोक मनाया.
अनुकंपा नियुक्ति की मांग के साथ रायपुर में प्रदर्शन छत्तीसगढ़ दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति नहीं किए जाने से विधवाओं में आक्रोश है. संघ अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर बूढ़ा तालाब पर 6 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन कर रहा है. इस मांग को लेकर जुलाई से सितंबर के बीच 58 दिनों का प्रदर्शन किया गया. मुख्यमंत्री और दूसरे मंत्रियों ने कई बार आश्वासन दिया. जिसके बाद प्रदर्शन स्थगित करना पड़ा लेकिन मांगें पूरी नहीं हुई.
अनुकंपा नियुक्ति के मापदंड पर उठाया सवाल
सरकार ने दिवंगत पंचायत शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता बीएड, डीएड और टीईटी तय कर दी है. यह काफी कठिन मापदंड है. इसके चलते विधवाओं को आज तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई. उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिसके पास पेट की आग मिटाने के लिए पैसा न हो, वह डीएड, बीएड और टीईटी जैसे परीक्षाओं का फीस कहां से जमा करेगा.
गंगा बेसिन में शामिल है अंबिकापुर, नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिये इन नियमों की है बाध्यता
राज्य में 935 दिवंगत पंचायत शिक्षकों की हैं विधवाएं
छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों के निधन हुए, उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. राज्य में करीब 935 दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाएं और परिजन हैं. प्रदर्शन में मांग की गई कि दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय, चतुर्थ श्रेणी, सहायक शिक्षक, प्रयोगशाला शिक्षक, ग्राम पंचायत में सचिव आदि के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाय.