रायपुर : हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस (World Photography Day) मनाया जाता है. विश्व फोटोग्राफी दिवस फोटोग्राफी की कला, शिल्प, विज्ञान और इतिहास का एक वार्षिक, विश्वव्यापी उत्सव है. यह सबसे महत्वपूर्ण कला के रूपों में से एक है. फोटोग्राफी (World Photography Day 2022) किसी की भावनाओं और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का एक साधन है. हेनरिक इबसेना की एक प्रसिद्ध कहावत है जिसमें उन्होंने कहा है कि, 'एक तस्वीर एक हजार शब्दों के बराबर होती है (A picture is worth a thousand words)'. कभी-कभी तस्वीरें, शब्दों की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से भावना व्यक्त करती हैं .कई लोगों के लिए, फोटोग्राफी उनका शौक होने के साथ-साथ जुनून भी है. 19वीं सदी की शुरुआत से फोटोग्राफी उद्योग प्रगति कर रहा है और मील का पत्थर साबित हुआ है.कैमरा तकनीकि (Camera Technology) में प्रगति के कारण आज डिजिटल फोटोग्राफी ने फोटोग्राफी के सभी पुराने संस्करणों को बदल दिया है.
फोटोग्राफी का इतिहास :इतिहासकारों के मुताबिक कई साल पहले 9 जनवरी, 1839 को दुनिया की सबसे पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया का आविष्कार हुआ (history of photography) था. इस प्रक्रिया का नाम डॉगोरोटाइप (Daguerreotype) था, जिसका अविष्कार 'जोसेफ नाइसफोर' और 'लुइस डॉगेर' नाम के 2 वैज्ञानिकों ने किया था. डॉगोरोटाइप टेक्निक फोटोग्राफी की पहली प्रक्रिया थी, इस टेक्निक के आविष्कार का ऐलान फ्रांस सरकार ने 19 अगस्त, 1839 में किया. इसी की याद में विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है. आधिकारिक तौर पर इस दिन की शुरुआत 2010 में हुई थी. ऑस्ट्रेलिया के एक फोटोग्राफर ने अपने साथी फोटोग्राफरों के साथ मिलकर इस दिन इकट्ठा होने और दुनियाभर में इसका प्रचार प्रसार करने का फैसला किया. अपने साथी फोटोग्राफरों के साथ मिलकर उनकी तस्वीरें ऑनलाइन गैलरी के जरिए लोगों के सामने पेश कीं. इस ऑनलाइन गैलरी को लोगों ने खूब पसंद किया इसके बाद से फोटोग्राफरों का डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन करने का यह सिलसिला शुरू हो गया जो आज भी जारी है.