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निमंत्रण के बाद भी छत्तीसगढ़ क्यों नहीं आ रहे हैं राहुल गांधी?

पिछले दिनों ढाई-ढाई साल के विवाद के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel), स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singh) कुछ को छोड़ कर बाकी के मंत्री (Minister), विधायक (MLA) निगम आयोग मंडल के अध्यक्ष (Chairman Of The Board Of Corporations) ने दिल्ली में डेरा डाल रखा था. उसके बाद मुख्यमंत्री और टीएस सिंह देव की राहुल गांधी से मुलाकात (Rahul Gandhi Meeting) हुई. इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान किया था कि राहुल गांधी अगले हफ्ते छत्तीसगढ़ आ रहे है. इसके बाद भी राहुल गांधी छत्तीसगढ़ दौरे पर नहीं आए? यह चर्चा राजनीतिक गलियारे में कई सवाल के रूप में उठने लगा है.

Why is Rahul Gandhi not coming to Chhattisgarh even after invitation
निमंत्रण के बाद भी छत्तीसगढ़ क्यों नहीं आ रहे हैं राहुल गांधी

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Published : Sep 30, 2021, 8:13 PM IST

Updated : Sep 30, 2021, 8:40 PM IST

रायपुरःपिछले दिनों ढाई-ढाई साल के विवाद के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel), स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह (Health Minister TS Singh) कुछ को छोड़ कर बाकी के मंत्री (Minister), विधायक (MLA) निगम आयोग मंडल के अध्यक्ष (Chairman Of The Board Of Corporations) ने दिल्ली में डेरा डाल रखा था.

उसके बाद मुख्यमंत्री और टीएस सिंह देव की राहुल गांधी से मुलाकात (Rahul Gandhi Meeting) हुई. इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐलान किया था कि राहुल गांधी अगले हफ्ते छत्तीसगढ़ आ रहे है.. इसके बाद भी राहुल गांधी छत्तीसगढ़ दौरे पर नहीं आए?, यह सवाल सियासत की गलियारे में काफी हलचल मचा रखा है.

बघेल के इस ऐलान के बाद छत्तीसगढ़ के सभी मंत्री विधायक निगम मंडल आयोग के अध्यक्ष रायपुर के लिए रवाना हो गए. वह दिन है और आज का दिन है. उसके बाद राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ आने के ना तो हफ्ते का ऐलान किया गया और ना ही तारीख जारी की गई.

निमंत्रण के बाद भी छत्तीसगढ़ क्यों नहीं आ रहे हैं राहुल गांधी
इसके बाद लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंत्रिमंडल के सदस्य (Cabinet Members) और विधायक राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण देने जाते रहे. लेकिन राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण अब तक स्वीकार नहीं किया है. जिसके बाद राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास (Chhattisgarh Migration) को लेकर पार्टी के अंदर और बाहर चर्चाओं का दौर जारी है. आखिर क्या वजह है कि बार-बार निमंत्रण के बावजूद राहुल गांधी छत्तीसगढ़ नहीं आ रहे हैं.

विधायकों के दिल्ली रवानगी से जोरों पर चर्चा

इस बीच मामले को हवा तब और मिल गया, जब बुधवार को अचानक कई विधायक एक साथ फिर दिल्ली के लिए रवाना हो गए. कुछ का कहना था कि वह व्यक्तिगत काम से जा रहे हैं. कुछ ने कहा कि पुनिया जी से मुलाकात करेंगे. कुछ का कहना था कि राहुल गांधी को निमंत्रण देने जा रहे हैं. इस बीच यह बात भी सामने आ रही है कि 60 विधायकों का समर्थन पत्र (Letter Of Support Of 60 MLA) यह विधायक राहुल गांधी से मिल कर सौंपेंगे.

कांग्रेस विधायकों के दिल्ली दौरे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुटकी लेते हुए कहा है कि अब कोई कहीं जा भी नहीं सकता क्या? हर चीज को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए. राजनीतिक व्यक्ति हैं. राजनीति के काम से भी जा सकते हैं. अपने निजी काम से भी जा सकते हैं. कोई व्यक्ति कहीं भी जा सकता है. कोई पारिवारिक काम भी हो सकता है.

इधर, दिल्ली गए कांग्रेस विधायकों के बयान में बड़ा विरोधाभास देखने को मिल रहा है. यह मामला तब और चर्चा में आ गया जबकि छत्तीसगढ़ से कई विधायक पीएल पुनिया और राहुल गांधी से मिलने दिल्ली चले गए. यह विधायक अचानक क्यों और कैसे दिल्ली पहुंचे? यह बता पाना जरा मुश्किल है.

हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ दौरा व्यस्तता के चलते हो सकता है कि तय नहीं हो पा रहा है. वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता हैं और ऐसे में उन्हें अन्य राज्यों में भी लगातार जाना रहता है. खास कर वर्तमान परिस्थितियों में जिन राज्यों में चुनाव जैसी स्थिति है, वहां उनका अधिक दौरा होना है. हो सकता है इन्हीं व्यस्तता के चलते उनका छत्तीसगढ़ दौरा बार-बार टल रहा हो .

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छत्तीसगढ़ दौरे से बच रहे राहुल गांधी
यह भी कयास लगाया जा रहा है कि ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर छत्तीसगढ़ में उपजे विवाद की वजह से राहुल गांधी छत्तीसगढ़ आने से बच रहे हैं. क्योंकि अब तक इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है. हालांकि पिछले दिनों दिल्ली में रहते हुए पीएल पुनिया ने यह जरूर बयान दिया था कि तो कांग्रेस सरकार भूपेश बघेल ही चलाएंगे. उसके बाद टीएस सिंह देव ने कहा था कि मेरे शुभचिंतकों ने मुझे चुप रहने की सलाह दी है.


सिंहदेव के इस बयान के बाद यह लगने लगा था कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए ढाई-ढाई साल का फार्मूला अभी कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में चला गया है. लेकिन जिस तरह से बुधवार को अचानक से कांग्रेस के कई विधायक एक साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए, उसके बाद यह मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया. अब एक बार फिर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. अब देखने वाली बात है कि 'कका' और 'काका' के बीच चल रही यह कुर्सी दौड़ कब समाप्त होगी.

Last Updated : Sep 30, 2021, 8:40 PM IST

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