रायपुर :प्रदेश में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. प्रदेश के कुछ स्थानों में तेज बारिश हो रही है. वहीं राजधानी में रविवार को बारिश होने के बाद से ही मौसम सुहाना बना हुआ है. लेकिन बारिश नहीं हो रही है. जिससे लोगों को धूप से तो राहत है. लेकिन उमस का भी सामना लोगों को करना पड़ रहा है. मॉनसून के सीजन में तेजी से मौसम चेंज होने की वजह से कई तरह की मौसमी बीमारियां इस समय देखने को मिलती (Rain increases the risk of seasonal diseases) हैं.
बारिश में बीमारियों से कैसे बचें :ज्यादा देर तक बारिश में भींगने की वजह से स्किन इन्फेक्शन की समस्या भी बढ़ जाती है. बारिश के मौसम में कौन-कौन सी बीमारियां ज्यादा देखने को मिलती है, किस तरह अपना ध्यान रखना चाहिए , भोजन किस तरीके से रखना चाहिए. इस बारे में ईटीवी भारत ने मेकाहारा मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.
बारिश में किन चीजों से बचें :मेकाहारा मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे (opinion of the doctor in the rain) ने बताया " बारिश का मौसम आते ही ज्यादा देर तक पानी में भींगना उसके बाद फिर तुरंत धूप में या पंखे एसी में जाकर खुद को सुखाना , ज्यादा देर तक शरीर में या कपड़ों में नमी रहने से कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती है. बारिश के मौसम में तेजी से मौसम चेंज होता है. कभी ठंड तो कभी तेज धूप भी देखने को मिलता है. इससे भी शरीर मे टेंपरेचर बहुत जल्दी चेंज होता है.जिससे तेज बुखार सर्दी खांसी जैसी कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती है. वही बारिश के मौसम में गंदी जगहों पर खाना खाने और बाहर का पानी पीने से बचना चाहिए. "
अधपकी चीजें खाने से बचें :मेकाहारा मेडिसिन विभाग प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे (Mekahara Department of Medicine Professor Dr RL Khare) ने बताया " आजकल स्ट्रीट फूड का क्रेज काफी ज्यादा बढ़ गया है. गुपचुप , चाट , मोमोस जैसे कई तरह के स्ट्रीट फूड बारिश के मौसम में लोग खाना पसंद करते हैं. यही वजह रहती है कि ज्यादातर बीमारियां लोगों में देखने को मिलती है. बाहर बिकने वाले खाने खुले में रहते हैं , कुछ को पकाए हुए उन्हें ज्यादा देर हो जाता है. कई बार अधपका खाने जैसे मोमोस शरीर को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. इससे डायरिया , लूज मोशन , सर्दी , खासी , बुखार जैसे कई बीमारियां होती है. "
बारिश में किन बीमारियों का खतरा :बारिश अपने साथ कई बीमारियों का खतरा भी लाती है.
• स्किन इन्फेक्शन :- बारिश के मौसम में ज्यादा देर तक पानी में भीगना या बार-बार पानी में भीगने से स्किन इन्फेक्शन जैसी बीमारियां देखने को मिलती है. बारिश के पानी के साथ-साथ कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस शरीर के कांटेक्ट में आते हैं , जिससे रैशेस , खुजली , इचिंग , पिंपल , फुंसी जिससे स्किन इन्फेक्शन जैसी बीमारियां देखने को मिलती ( risk of infection increases in rain) है.
• फंगल इन्फेक्शन :- बारिश के मौसम में ज्यादा देर तक भीगने की वजह से या बारिश के मौसम में बादल छाए रहते है जिससे शरीर में नमी ज्यादा देर तक बनी रहती है. इस वजह फंगल इंफेक्शन जैसी बीमारी भी स्किन में देखने को मिलती है.
• मलेरिया :- मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं. इस वजह से से सिर्फ बारिश के मौसम में ही नहीं बल्कि सभी मौसमों में मलेरिया का खतरा रहता है. लेकिन खासकर बारिश के मौसम में गंदगी ज्यादा होती है इस वजह से इस मौसम में मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है. मलेरिया की बीमारी में बुखार सिर दर्द उल्टी जैसे लक्षण दिखते हैं.
• कोल्ड और फ्लू :- बरसात के मौसम में वातावरण में कई बैक्टीरिया और वायरस जिंदा रहते हैं. जो नाक , मुंह और आंख के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और शरीर को बीमार कर देते हैं. इसके कारण सर्दी जुखाम खांसी बुखार जैसे समस्या का सामना करना पड़ता है.
• गैस्ट्रोइटाइटिस :- आमतौर पर इसे डायरिया या स्टमक फ्लू कहां जाता है. सफाई का ध्यान ना रखने पर पानी या खाने के जरिए से बैक्टीरिया व्यक्ति के इंटेस्टाइन में पहुंचकर वहां सूजन पैदा करते हैं. जिसे खाने को पचाने में परेशानी होती है.
• हेपेटाइटिस ए और ई :- बारिश की वजह से होने वाले हेपेटाइटिस नामक लीवर संक्रमण के कई प्रकार हैं. बरसात के मौसम में दूषित खान पान के कारण सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस ए और ई की समस्या होती है.आम बोलचाल की भाषा में इसे जॉन्डिस या पीलिया भी कहते हैं.
• डेंगू :- बारिश के मौसम में डेंगू के मच्छर भी ज्यादा देखने को मिलते हैं. ज्यादा कर डेंगू के मच्छर बारिश शुरू होने के एक से डेढ़ महीने के बाद देखने को मिलते हैं. डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं , जैसे कूलर में काफी दिनों से ठहरा पानी , नारियल के खोल , खाली बोटल या अन्य जगहों पर इस तरह के मच्छर ज्यादा पनपते हैं.