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6 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ने से भी कर्मचारी नाखुश आंदोलन की चेतावनी - angry with chhattisgarh employees union government

छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों के आंदोलन के बाद 6 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी किया है.लेकिन इस आदेश का कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है.

Warning of employee unhappy agitation due to increase in dearness allowance by 6 percent
6 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ने से कर्मचारी नाखुश आंदोलन की चेतावनी

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Published : Aug 16, 2022, 6:12 PM IST

रायपुर :छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग द्वारा मंगलवार को 6% महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया गया है. लेकिन इस आदेश को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों में नाराजगी और आक्रोश देखने को मिला प्रदेश में काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई भत्ता 12% बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था. लेकिन सरकार ने 6% महंगाई भत्ता बढ़ाया है. जिससे कर्मचारियों में नाराजगी और आक्रोश देखने को मिला. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन तीन चरणों में आंदोलन करने के बाद फिर एक बार महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने वाले (dearness allowance of employees in chhattisgarh)हैं.

6 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ने से भी कर्मचारी नाखुश आंदोलन की चेतावनी

केंद्र के समान महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा की मांग : गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा 22% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें केंद्र के समान 34% महंगाई भत्ता चाहिए. छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को छठवां वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र के समान सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग करने के साथ ही प्रदेशभर के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने के लिए प्रदर्शन कर रहे (angry with chhattisgarh employees union government) थे.

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5 दिनों तक कामकाज था ठप्प :राजधानी सहित पूरे प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी 25 जुलाई से 29 जुलाई तक 5 दिनों के हड़ताल पर थे. हड़ताल पर चले जाने से समस्त विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया. ऐसे में प्रदेश सरकार ने हड़ताल के पांचवें और अंतिम दिन शुक्रवार को शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों का वेतन काटने और ब्रेक इन सर्विस का आदेश जारी कर दिया. जिसके बाद से प्रदेश भर के कर्मचारियों में आक्रोश देखने को मिला. उसके बाद कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रदेश स्तर पर बैठक आयोजित करके वेतन काटे जाने का विरोध जताने के साथ ही वेतन काटने के आदेश की प्रतियां भी जलाई थी .

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