रायपुर: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने केन्द्र सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि कोरोनिल से मोदी सरकार को इतना प्रेम क्यों है. उन्होंने केन्द्र से सवाल पूछते हुए कहा कि बाबा रामदेव के उस झूठ पर केन्द्र सरकार ने क्या कार्रवाई की है. विधायक ने कहा कि जब WHO ने कोरोनिल को अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया है तो इसे लॉन्च करने की क्या जरुरत थी. विकास उपाध्याय ने बाबा रामदेव पर झूठा प्रचार कर देश को भ्रमित करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कोरोनिल को ना ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किसी तरह की मंजूरी दी है और ना ही कोरोना के लिए इसे इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. केन्द्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर कोरोनिल कोरोना से बचाव में इतना प्रभावशाली है तो फिर मोदी सरकार टीकाकरण पर 35 हजार करोड़ रुपए क्यों खर्च कर रही है?
कोरोनिल को लेकर मोदी सरकार पर निशाना
विकास उपाध्याय ने मोदी सरकार से सवाल पूछा है कि ऐसा क्या है जो सरकार दो केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति में कोरोनिल को लॉन्च किया. विकास उपाध्याय ने बाबा रामदेव पर कोरोना के बचाव के लिए कोरोनिल के नाम पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन खुद एक डॉक्टर हैं. नियम यह कहता है कि कोई भी डॉक्टर किसी दवा को प्रमोट नहीं कर सकता, लेकिन केन्द्रीय मंत्री ने कोरोनिल को प्रमोट किया. जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के कोड ऑफ कंडक्ट का सीधा-सीधा उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने इस दवा के पक्ष में जिस तरह 154 देशों में मान्यता मिलने की बात कही और विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला दिया. वह पूरी तरह से निराधार और झूठ साबित हुआ.