रायपुर:छत्तीसगढ़ में इन दिनों बाजार से 2000 के नोट गायब से हो गए हैं. पहले बाजार में 2000 के नोटों से काफी लेनदेन देखने को मिलता था. यहां तक कि कई बार 50 -100 रुपये के लेनदेन लिए भी लोग 2000 का नोट देते थे. ATM से भी 100-500 की जगह सिर्फ 2000 के नोट निकलते थे. यानी की पर्याप्त मात्रा में 2000 के नोटों का सरकुलेशन बाजार में था. लेकिन पिछले कुछ समय से बाजार से 2000 के नोट गायब हो गए हैं. यहां तक कि ATM में भी 2000 के नोट नहीं निकल रहे हैं. आम लोग इसके बारे में जहां अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लगा रही है.
आखिर कहां गायब हुए 2 हजार रुपये के नोट मोदी सरकार ने साल 2016 में किया था 2000 का नोट जारी
केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2016 में देश में नोटबंदी की थी. इस दौरान सरकार ने ₹500 के नए नोट और ₹2000 के नोट को जारी किया था. 2000 के नोट के अलावा सरकार ने 10, 20, 50 और 100 रुपये के नोट भी जारी किए थे. इस बीच सरकार ने 1000 के नोट को बंद कर दिया था. लेकिन अब धीरे-धीरे बाजार से 2000 के नोट भी गायब होते जा रहे हैं.
अचानक से बाजार से 2000 के नोट गायब होने के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है. कुछ लोगों का कहना है कि काले धन के रूप में इस नोट को जमा किया गया है. तो वही कुछ लोग अन्य कारणों से बाजार से नोट गायब होने की बात कह रहे है. आखिर अचानक से 2000 के नोट बाजार से कहां गायब हो गए. क्यों बाजार और ATM में 2000 के नोट नहीं देखने को मिल रहे हैं. आखिर इसके गायब होने की क्या वजह है?
इन सभी बातों को लेकर हमने आमजन और व्यापारी सहित राजनीतिक दलों से बात की और जानने की कोशिश की कि क्या वाकई में 2000 के नोट बाजार से गायब हो गए हैं.
ATM से नहीं निकल रहे 2000 के नोट
सबसे पहले ETV भारत ने आम जनों से बात की तो उन्होंने बताया कि एटीएम से 2000 के नोट काफी समय से नहीं निकल रहे हैं. यहां तक कि बाजार में भी 2000 के नोट देखने को नहीं मिल रहे हैं.
लेनदेन के दौरान भी 2000 के नोटों का है अभाव
रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरक मालू का कहना है कि वर्तमान में 2000 के नोट बाजार में नहीं मिल रहे हैं. लेन-देन में भी लोग 100- 500 के नोट का ही इस्तेमाल कर रहे हैं.ATM से भी 2000 के नोट नहीं निकल रहे हैं. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि हो ना हो इन नोटों की जमाखोरी की गई है.
2000 के नोटों की पिछले 2 सालों से नहीं हुई छपाई
पिछले 2 सालों में ₹2000 के नोटों की छपाई नहीं हुई. जबकि इसकी संख्या में कमी आ गई है. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले दोनों लोकसभा सत्र में बताया कि 30 मार्च 2018 को ₹2000 के 336.2 करोड़ नोट सरकुलेशन में थे. जबकि 26 फरवरी 2021 को संख्या घटकर 249.9 करोड़ रह गई है.
अटकलें लगाई जा रही है कि सरकार धीरे-धीरे बाजार से 2000 के नोटों को वापस ले रही है. कुछ दिन पहले ही सरकार की ओर से यह बयान आ चुका है कि नए 2000 के नोटों की छपाई नहीं हो रही है. हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पहले ही कह दिया है कि इन नोटों को बंद करने की कोई योजना नहीं है.
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हजार का नोट बंद कर दो हजार का नोट शुरू करने से काला धन कैसे आयेगा बाहर ?
बाजार से गायब होते 2000 के नोट को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने काला धन निकालने के नाम पर नोटबंदी की थी. हजार के नोट बंद कर दो हजार के नोट शुरू किए थे. लेकिन भाजपा के लोग आज तक इस बात को नहीं समझा सके हैं कि हजार का नोट बंद कर दो हजार का नोट शुरू करने से काला धन कैसे बाहर आएगा. अब तो आलम है कि बाजार से 2000 के नोट भी गायब हो गए हैं.
इतना ही नहीं शैलेश ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब 2000 के नोट बाजार में आए थे तो यह बात सामने आ रही थी कि उसमें चिप लगे हैं और जब एक जगह नोट जमा होंगे तो चिप से इस बात की जानकारी लग जाएगी. अब वह चिप कहां गया. जहां यह नोट जमा है. उसकी जानकारी क्यों नहीं मोदी सरकार को लग रही है. शैलेश का कहना है कि जिस तरह से बाजार से 2000 के नोट गायब हुए हैं उसे आशंका व्यक्त की जा रही है कि काले धन के रूप में इन नोटों का संग्रहण हो गया है. यदि काले धन के रूप में इन नोटों का संग्रहण हो चुका है तो जिन उद्देश्यों से यह नोट चालू किए गए थे. उन उद्देश्यों को ये हासिल नहीं कर पाए. जो कि भाजपा सरकार की बहुत बड़ी विफलता है.
बाजार से 2000 के नोट गायब होना है चिंता का विषय
बाजार से 2000 के नोट गायब होने और कालाबाजारियों द्वारा इसके संग्रह करने की संभावना कहीं ना कहीं भाजपा के द्वारा भी व्यक्त की जा रही है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि इस तरह से बाजार से 2000 का नोट गायब होना कहीं ना कहीं चिंता का विषय है. इसे लेकर इनकम टैक्स विभाग और केंद्र सरकार आने वाले समय में बड़ा एक्शन ले सकती है. श्रीवास ने केंद्र सरकार से अपील की है कि जो लोग भी 2000 के नोटों की जमाखोरी कर रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
2000 के नोटों में चिप लगे होने की कांग्रेस ने फैलाई रही अफवाह
हालांकि उन्होंने नोटों में चिप लगाए जाने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की बात कभी भी भारत सरकार ने नहीं कही है. यह अफवाह फैलाने का काम कांग्रेस के द्वारा किया गया है. आज भी मुनाफाखोरी प्रदेश में हो रही है. उसमें भी कांग्रेस के नेता लिप्त हैं . उनके द्वारा ही 2000 के नोटों की जमाखोरी की जा रही है. श्रीवास ने नोटबंदी से काला धन आने वाली बात पर कहा कि नोटबंदी के कई कारण थे. आज टैक्स बढ़ा है. करदाता भी बड़े हैं. उसका फायदा मिला है.
आखिर कहां गए 2000 के नोट ?
इन अटकलों के बीच यह साफ है कि अब छत्तीसगढ़ के बाजार से 2000 के नोट लगभग गायब होते जा रहे हैं. 2000 के नोट अचानक से गायब होना कहीं ना कहीं चिंता का विषय बना हुआ है. अब देखने वाली बात है कि आने वाले समय में बाजार से गायब होते 2000 के नोट को लेकर केंद्र सरकार का क्या रवैया होता है. क्या केंद्र सरकार जमाखोरों से नोट बाहर निकलवा पाएगी या फिर जिन उद्देश्य को लेकर हजार के नोट बंद करते हुए 2000 के नोट जारी किए गए थे. उन उद्देश्य को पूरा करने में केंद्र सरकार नाकाम रहेगी. यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ट हो सकेगा.