रायपुर:कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन किया गया था. इस दौरान सभी सार्वजनिक स्थानों को बंद करने के आदेश दिए गए थे. स्कूल-कॉलेज, बाजार, मॉल, जिम और दुकानें बंद किए गए थे. अनलॉक- 1 में कुछ सेवाओं में छूट दी गई है, जिसके बाद अधिकांश संस्थाओं को खोल दिया गया है, लेकिन जिम आज भी बंद है. 3 महीने से ज्यादा समय तक जिम बंद रहने की वजह से जिम ट्रेनर्स को काफी नुकसान हो रहा है. कुछ जिम ट्रेनर थोड़ा बहुत आमदनी हो सके इसके लिए घर पर ही एक्सरसाइज के वीडियो बनाने लगे हैं. इसके बाद भी पूरे प्रदेश में लगभग 10 हजार जिम ट्रेनर बेरोजगार हो चुके हैं.
आर्थिक तंगी से जूझ रहे जिम ट्रेनर्स गोंचा पर्व की तैयारी: कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहने भक्तों को दर्शन देंगे भगवान
राजधानी रायपुर में 250 से ज्यादा जिमखाने हैं, जिनमें तकरीबन 5 हजार से ज्यादा जिम ट्रेनर काम करते हैं. जिम ट्रेनर्स का महीने का औसतन वेतन 10 हजार से 15 हजार रुपए होता है. इसके अलावा पर्सनल ट्रेनिंग से वो 20 से 25 हजार महीना कमा लेते हैं. जब से जिम बंद हुआ है, उनके आय का एकमात्र साधन भी खत्म हो चुका है.
घाटे में जिम इंडस्ट्री
निजी जिम के मैनेजर अभिषेक पांडे ने बताया कि 'जिम बंद होने के कारण जिम इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है. कई बार तो ट्रेनर को देने के लिए पैसे नहीं होते, ऐसे में जिम चलाना काफी मुश्किल होता जा रहा है. जिम बंद होने के बावजूद कई ऐसे खर्चे हैं, जो कि लगातार देने पड़ते हैं, जिसमें रेंट भी शामिल है. साथ ही जो जिम ट्रेनर हैं, उनको भी सैलरी देनी पड़ती है. ऐसे ही बहुत से और खर्च हैं जो जिम संचालक को उठाने पड़ रहे हैं, आवक का पूरा रास्ता बंद हो चुका है. जिम खुलने के बाद भी इस नुकसान की भरपाई में 2 साल लग सकते हैं.'
डाइट मेंटेन करने में हो रही समस्या
जिम ट्रेनर ने बताया कि बतौर जिम ट्रेनर उन्हें फिटनेस का ध्यान रखना पड़ता है. काफी दिनों से जिम बंद है और एक्सरसाइज भी पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है. ऐसे में खुद को मेंटेन कर पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है. घर पर रहने से डाइट भी पहले की तरह मेंटेन नहीं हो पा रही है. इसके साथ ही जिम बंद होने से उनका काम भी बंद हो गया है. उन्हें घर चलाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.