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नींबू के बाद अब टमाटर हुआ लाल , छत्तीसगढ़ में चार से पांच गुना तक बढ़े दाम - Tomato cultivation in organic way

छत्तीसगढ़ में टमाटर के रेट अचानक बढ़ गए (Tomato rates increase suddenly in Chhattisgarh) हैं. इसके कारण गृहणियों के बजट पर असर पड़ा है. कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो मौसम के बढ़ते असर ने टमाटर की फसल पर प्रभाव डाला है.

Tomato rates increase suddenly in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में चार से पांच गुना तक बढ़े दाम

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Published : May 12, 2022, 12:15 PM IST

Updated : May 12, 2022, 4:29 PM IST

रायपुर : राजधानी समेत दूसरी जगह पर लगभग 1 महीने पहले नींबू के दाम आसमान छूने लगे थे. अब तापमान बढ़ने के साथ टमाटर की पैदावार कम हो गई है. इस वजह से टमाटर के चिल्लर दाम 4 से 5 गुना बढ़कर 50 रुपए से 60 रुपए प्रति किलो हो गए हैं. इसका असर रसोई के बजट पर भी पड़ने (Tomato crop affected due to rise in temperature) लगा है. टमाटर के दाम बढ़ने के कारण लोग कम मात्रा में टमाटर की खरीदी कर रहे हैं. कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि तापमान बढ़ने के साथ ही इसका सीधा असर टमाटर की फसल पर पड़ता है.

टमाटर के लिए कौन सा मौसम उत्तम : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक घनश्याम दास साहू ने बताया कि ''टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त समय ठंड का सीजन हो जाता है. इस समय अधिकतम तापमान 27 डिग्री से 35 डिग्री के आसपास होता है. यह टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त होता है. लेकिन 35 डिग्री से अधिक तापमान होने पर टमाटर की फसल पर फल और फूल नहीं लगते. जिसके कारण टमाटर की खेती प्रभावित होती है और बाजार में इसके दाम भी 4 से 5 गुना बढ़ गए हैं.''

छत्तीसगढ़ में चार से पांच गुना तक बढ़े दाम

टमाटर की पैदावार हुई कम :छत्तीसगढ़ के किसान भी अब साल में 12 महीने टमाटर की खेती कर रहे हैं लेकिन अप्रैल-मई और जून के महीने में अधिकतम तापमान 35 डिग्री से अधिक होने के कारण इसका सीधा असर टमाटर की खेती पर पड़ता है. जिसके कारण फल और फूल नहीं लगते और पैदावार भी कम हो जाती है.

नींबू के बाद अब टमाटर हुआ लाल

क्यों बढ़ें है टमाटर के दाम : कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि ''होली पर्व के बाद प्याज और लहसुन की आवक शुरू होने के साथ टमाटर के दाम धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं. होली पर्व के बाद तापमान बढ़ने के कारण इसका सीधा असर टमाटर की खेती पर पड़ता है. जिससे टमाटर की पैदावार भी कम होने लगती है.अधिक तापमान का असर केवल टमाटर की खेती पर ही नहीं पड़ता बल्कि मिर्ची और भाटा की फसल भी इससे प्रभावित होती है.''

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बढ़ते तापमान में भी ले सकते हैं अच्छी फसल : कृषि वैज्ञानिक घनश्याम दास साहू ने बताया कि ''35 डिग्री से अधिक तापमान में तरोई, बरबट्टी, कुंदरू, लौकी जैसी फसलों पर असर कम पड़ता है. छत्तीसगढ़ के किसान ऑर्गेनिक तरीके से टमाटर की खेती करते हैं तो अच्छी पैदावार ले सकते(Tomato cultivation in organic way) हैं. टमाटर की खेती करते समय ऐसी जगह का किसान चयन करें, जहां पर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हों. इससे टमाटर के पौधों को छाया मिल सकेगी. तभी टमाटर की अधिक पैदावार ली जा सकती है.''

Last Updated : May 12, 2022, 4:29 PM IST

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