रायपुर : राजधानी सहित पूरे देश में अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर टैक्स लगने के बाद महंगाई और बढ़ (Tax on unbranded prepackaged food grains in raipur ) जाएगी. जिसका सीधा असर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ेगा. ब्रांडेड खाद्यान्नों का उपयोग देश के लगभग 15 से 20% आबादी ही करती है. 80 से 85% आबादी जो कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की श्रेणी में आती है. ऐसे लोगों को फिर से महंगाई का सामना करना पड़ेगा. अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्न जैसे दाल, आटा, चावल, पोहा, दही, बटर जैसी अन्य दूसरी चीजों के दाम बढ़ जाएंगे. चेंबर ऑफ कॉमर्स और कैट अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों को टैक्स मुक्त रखने का सरकार से आग्रह कर रही (Chamber of Commerce and CAT raised objection in Raipur) है.
अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्न पर लगेगा टैक्स, जानिए कितनी महंगी होंगी चीजें ? - food items will be expensive
आगामी दिनों में अनब्रांडेड प्रीपैक्ड फूड पर टैक्स लगने से महंगाई बढ़ेगी. जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर ( Tax on unbranded prepackaged food grains in raipur) पड़ेगा.
किन पर पड़ेगा बोझ:18 जुलाई से राजधानी समेत पूरे देश में अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्न समेत अन्य दूसरी चीजों के दाम बढ़ (food items will be expensive) जाएंगे. इसको लेकर दुकानदार जोगेंद्र नागवानी का कहना है कि "लोकल और अनब्रांडेड खाद्यान्नों पर 5% की दर से वृद्धि होती है तो इसका सीधा नुकसान ग्राहकों को होगा. प्रति किलोग्राम खाद्यान्न की खरीदी करने पर 5 से 10 रुपए अधिक चुकाने पड़ेंगे. आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ेगा.''
कम मुनाफे में व्यापारी कर रहे कारोबार :गोल बाजार मर्चेंट एसोसिएशन संघ (Gol Bazar Merchant Association Association Raipur) के अध्यक्ष सतीश जैन का कहना है कि "दही, मटर ,पनीर, गेहूं, चावल जैसी अनब्रांडेड प्रीपैक्ड जैसी चीजों पर टैक्स लगता है तो इसका सीधा सीधा असर देश की आम जनता और गरीबों पर पड़ेगा, आज तक ऐसी चीजों पर देश में कोई भी टैक्स नहीं लगा था, पहली बार इस तरह का टैक्स लगाया जाएगा, इस निर्णय को सरकार को वापस लेना चाहिए.वैसे भी दुकानदार कम मुनाफे में व्यापार कर रहे हैं ''
चैंबर्स ऑफ कॉमर्स कर रहा है विरोध :छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स और कैट के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव का कहना है कि "अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों को टैक्स मुक्त रखा जाए. इसके लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स और कैट देश के अलग-अलग राज्यों में बैठक का आयोजन करने के साथ ही संबंधित राज्य के वित्त मंत्री और सांसदों से इस टैक्स को नहीं लगाने की अपील कर रहे हैं. बिना व्यापारियों की सलाह के जीएसटी काउंसिल ने ऐसे सामानों पर 5% जीएसटी लगाने का निर्णय लिया है. जिसका विरोध लगा था. पूरे देश में चेंबर ऑफ कॉमर्स और कैट के द्वारा किया जा रहा है."
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