रायपुर: भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड की नई निविदा में परिवहन दर 30% कम कर (Bharat Petroleum reducing transportation rate) दिए गए हैं. छत्तीसगढ़ पैट्रोलियम टैंकर ओनर एसोसिएशन इस फैसले से मुसीबत में है. छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम टैंकर ओनर एसोसिएशन का कहना है कि निविदा में परिवहन दर 30% कम कर दिए जाने के कारण पिछले 4 दिनों से परिवहन बंद कर दिया गया है. 20 दिन पहले आश्वासन मिलने के बाद हमने अपना हड़ताल स्थगित कर दिया था. लेकिन इस फैसले के बाद परिवहन करना मुश्किल है. हम गाड़ी चलाएं और फिर गाड़ियों का किस्त भरें या फिर अपने परिवार का पालन पोषण करें. महंगाई भी बढ़ गई है, बावजूद इसके भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड परिवहन दर में 10% वृद्धि करने के बजाए नई निविदा परिवहन दर में 30% की कमी करने जा रही है. जो कि छत्तीसगढ़ पैट्रोलियम टैंकर ओनर एसोसिएशन को मंजूर नहीं है. Tanker Owners Association in trouble
भारत पेट्रोलियम द्वारा परिवहन दर 30% कम करने से मुसीबत में टैंकर ओनर एसोसिएशन - ट्रांसपोर्टिंग टैंकरों के दाम में हुआ इजाफा
Tanker Owners Association in trouble भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड की नई निविदा में परिवहन दर 30% कम कर दिया है. छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम टैंकर ओनर एसोसिएशन ने इस फैसले का विरोध किया है. एसोसिएशन का कहना है कि बढ़ती महंगाई के बीच परिवहन दर में 10% वृद्धि करने के बजाए इसमें 30% की कमी करने से हमारी मुसीबतें बढ़ेंगी. ं
नई निविदा में परिवहन दर 30% कम होगा कम: छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम टैंकर ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद उपाध्याय का कहना है कि "वर्तमान में प्रति लीटर /प्रति किलोमीटर परिवहन दर 3 रुपये 55 पैसे है. लेकिन नई निविदा में परिवहन दर 30% घटने के बाद प्रति लीटर प्रति किलोमीटर 2 रुपये 72 पैसे हो जाएगा. जिसका नुकसान टैंकर ओनर एसोसिएशन को उठाना पड़ेगा." एसोसिएशन के अध्यक्ष का साफ कहना है कि "टेंडर की अंतिम तिथि 12 अक्टूबर तय की गई है. लेकिन नई निविदा में परिवहन दर 30% कम कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में परिवहन करना काफी मुश्किल और कठिन काम है."
ट्रांसपोर्टिंग टैंकरों के दाम में 12 लाख रुपए का हुआ इजाफा: छत्तीसगढ़ पेट्रोलियम टैंकर ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने बताया कि "बीते 5 सालों तक परिवहन के लिए जो टैंकर इस्तेमाल किया जाता था. वह यूरो-4 थी. आज वही गाड़ी यूरो-6 हो गयी है. पहले और आज के गाड़ी के दाम में भी काफी कुछ अंतर आया है. पहले गाड़ी की कीमत 28 लाख रुपए थी, जो आज बढ़कर 40 लाखों रुपए पर पहुंच गई. गाड़ियों के दाम भी लगभग 12 लाख रुपए बढ़ गए हैं. ऐसे में नई निविदा के तहत परिवहन दर 30% कम कर दिए जाने से परिवहन करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है."