रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण तेजी से अपने पैर पसार रहा है. पिछले एक सप्ताह में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. संक्रमितों के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए प्रदेश के कई जिलों में लॉकडाउन किया गया है. महामारी के इस दौर में लोगों की भी चिंता बढ़ती जा रही है. जहां एक ओर लोग बीमारी से डरे हुए हैं, वहीं अस्पताल में होने वाली अव्यवस्थाओं से बचने के लिए अपने स्तर पर तैयारियां भी कर रहे हैं.
ऑक्सीजन सिलेंडर की बढ़ रही डिमांड पढ़ें- 'छत्तीसगढ़ में बढ़ी सिम्पटोमैटिक मरीजों की संख्या, लोगों की लापरवाही से फैल रहा संक्रमण'
कोरोना काल में सैनिटाइजर और मास्क की मांग बढ़ गई है. इसके साथ ही अब ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग भी बढ़ने लगी है. कोरोना संक्रमित मरीजों को सांस लेने की परेशानी देखी गई है, जिसे दूर करने के लिए उन्हें ऑक्सीजन लगाया जाता है. दिन-ब-दिन बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए लोगों को अब ऑक्सीजन की आपूर्ति की चिंता सताने लगी है. वक्त पर ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से न जूझना पड़े, इसलिए पहले से ही लोग मेडिकल स्टोर में जाकर इसकी उपलब्धता की जानकारी ले रहे हैं.
ऑक्सीजन सिलेंडर कर रहे स्टोर
कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए लोग अब मास्क, सैनिटाइजर के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर भी स्टोर करने लगे हैं. जो लोग आर्थिक रूप से संपन्न हैं, वे पहले की तरह सिलेंडर खरीदकर अपने घर में रखने लगे हैं. सप्लायर की मानें तो लोग हर रोज सिलेंडर से संबंधित जानकारी उनसे लेकर जा रहे हैं.
ऑक्सीमीटर की बढ़ी बिक्री
सप्लायर के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से ऑक्सीमीटर की बिक्री बढ़ गई है. ऑक्सीमीटर के जरिए लोग शरीर का पल्स रेट और ऑक्सीजन की मात्रा नापते हैं. ज्यादातर लोग इसकी डिमांड कर रहे हैं. वहीं उनका कहना है कि ऑक्सीजन सिलेंडरों की बिक्री पहले की तरह ही है. सिलेंडर सप्लायर ने बताया कि ऑक्सीजन का 10 किलोग्राम का सिलेंडर लगभग 6 हजार 500 रुपए में आता है. इस सिलेंडर को रिफिल करने में 150 रुपए का खर्च आता है. ऑक्सीजन सिलेंडरों की क्षमता के हिसाब से उनके रेट फिक्स है. जो लोग गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें हर समय ऑक्सीजन की जरूरत होती है, ऐसे मरीजों के लिए मशीनें उपलब्ध हैं, जो 40 से 60 हजार के बीच आती है. ये मशीन नॉर्मल हवा से ऑक्सीजन बनाती है.
ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत
छत्तीसगढ़ में सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद हैं. अस्पतालों में सेंट्रल लाइन के जरिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. डॉक्टर्स का कहना है कि अभी जितने भी केस सामने आ रहे हैं, उनमें बहुत कम लोगों को ही अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. अस्पताल में हाई प्रेशर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है और जो मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं उनके लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन है.
संक्रमितों को ऑक्सीजन सिलेंडर रखने की जरूरत नहीं
डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर लगाना ही पर्याप्त नहीं होता है, उसके लिए कुछ और एक्यूपमेंट की आवश्यकता भी होती है. साथ ही मरीज को ऑक्सीजन देने के लिए कुछ मापदंड भी निर्धारित किए गए हैं. उस निर्धारित मात्रा में ही डॉक्टर मरीज को ऑक्सीजन देते हैं. इसमें एक मरीज को कितने समय में कितने लीटर ऑक्सीजन देना है यह निर्धारित रहता है. डॉक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमितों को घर में कोई सिलेंडर रखने की जरूरत नहीं है. सभी कोरोना संक्रमितों को अतिरिक्त ऑक्सीजन की जरूरत हो ऐसा जरूरी नहीं है. डॉक्टर ने कहा कि लोग डरें नहीं सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है.
इन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत
डॉक्टर के मुताबिकअधिक मात्रा में ऑक्सीजन लेने से कोई मरीज ठीक होगा ऐसा नहीं है, पहले जरूर यह बात सामने आई थी कि कोरोना के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है और उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर और वोल्टमीटर की आवश्यकता पड़ सकती है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमित एक फीसदी से भी कम लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. यदि किसी को पहले से सांस संबंधी बीमारी है या अस्थमा है, तो जरूर 100 में से 4 फीसदी लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए ये कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की शॉर्टेज नहीं होगी.
कोरोना के डर से लोग अपने घर में अब मास्क, सैनिटाइजर के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर रखने लगे हैं. प्रदेश में ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, इस वजह से अभी इसकी जमाखोरी और कालाबाजारी की शिकायत नहीं आई है.