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Surya Grahan December 2021 in India: जानिए सूर्य ग्रहण का समय और धार्मिक महत्व - भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव

आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है. (solar eclipse december 2021 in india). भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव (effect of solar eclipse in india) नहीं रहेगा.

solar eclipse december 2021 in india
सूर्य ग्रहण दिसंबर 2021

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Published : Dec 4, 2021, 7:34 AM IST

Updated : Dec 4, 2021, 9:14 AM IST

रायपुर:साल 2021 का आखिरी सूर्यग्रहण (solar eclipse december 2021 in india) आज लग रहा है. शनिवार के दिन होने की वजह से इसे शनिचरी अमावस्या भी कहा जाता है. भारत में ये ग्रहण अदृश्य और अमान्य रहेगा. विश्व के दूसरे देशों जैसे दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अटलांटिक महासागर पर इसका प्रभाव रहेगा. सूर्य ग्रहण एक वैज्ञानिक धार्मिक और आध्यात्मिक घटना है. इसके प्रभाव चारों ओर दिखाई पड़ते हैं. जब राहु और केतु के बीच सूर्य चंद्रमा जैसे ग्रह आते हैं तब ग्रहण की स्थिति बनती है. यह वर्ष का अंतिम ग्रहण है. आज के दिन सूर्य, चंद्रमा, बुध और केतु वृश्चिक राशि में विराजमान रहेंगे. रात्रि काल में मंगल ग्रह में वृश्चिक राशि में आ जाएगा. यह मुख्य रूप से वृश्चिक राशि पर पड़ने वाला खग्रास सूर्य ग्रहण है. यह ग्रहण यद्यपि भारतवर्ष में अदृश्य है फिर भी ग्रहण का समय सुबह 10:59 से लेकर दोपहर 3:07 तक रहेगा.

सूर्य ग्रहण दिसंबर 2021

भारत में ग्रहण का नहीं रहेगा प्रभाव

ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा (Astrologer and Vastu Shastri Pandit Vineet Sharma)ने बताया कि सामान्य रूप से ग्रहण में ग्रहण काल के 12 घंटे पूर्व सूतक काल लग जाता है. अर्थात इस समय मंदिरों में पूजा पाठ विधि विधान बंद हो जाता है और मंदिर के कपाट पूरी तरह बंद कर दिए जाते हैं. क्योंकि यह ग्रहण भारत में अदृश्य है. भारत के किसी भी हिस्से में इस ग्रहण का प्रभाव सीधा नहीं पड़ेगा. अतः मंदिरों के कपाट खुले रहेंगे और मंदिरों में सामान्य रूप से पूजा-पाठ आरती होते रहेंगे. खग्रास सूर्यग्रहण एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक घटना है. इसे दर्श अमावस्या. श्राद्ध अमावस्या भी कहा गया है. आज के दिन स्नान एवं दान का विशेष महत्व माना गया है. आज के शुभ दिन सूर्योदय से पूर्व सरोवर कुंड तालाब एवं नदियों में स्नान करने का विधान है. आज के दिन तालाब में स्नान करने से अलग ही ऊष्मा. ऊर्जा और तेजस्विता की प्राप्ति होती है. शरीर बलवान बनता है. इसलिए अमावस्या के दिन सरोवर में स्नान करने का विधान है. आज के शुभ दिन दान करने का भी नियम है. योग्य व्यक्तियों को दान करना चाहिए. क्योंकि यह शनिचरी अमावस्या है. इस दिन भगवान शनिदेव की प्रसन्नता के लिए दिव्यांग जनों की कुष्ठ रोगियों और अपंग की भरपूर सेवा करनी चाहिए. इन्हें उचित दान भी देना चाहिए.

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ग्रहण का समय सुबह 10:59 से लेकर दोपहर 3:07 तक

यह ग्रहण यद्यपि भारत में अदृश्य है, फिर भी ग्रहण का समय सुबह 10:59 से लेकर दोपहर 3:07 तक रहेगा, इस दरमियान भोजन करना और घूमना-फिरना वर्जित माना गया है. इस काल में सिद्ध मंत्रों का पाठ करना, योगाभ्यास करना, ध्यान करना और मंत्र सिद्धि करना श्रेष्ठ माना गया है, इस विशेष काल में यात्रा करना और अनावश्यक घूमना पूर्णता वर्जित है. ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को लेकर विशेष सावधानी रखने का विधान .है इस समय गर्भवती महिलाओं को चाकू, नुकीली चीजें, ब्लेड आदि से बहुत दूर रहना चाहिए, यथा संभव इस समय भगवान कृष्ण के बाल गोपाल लड्डू गोपाल और बाल हनुमान का स्मरण करना शुभ माना गया है. इस ग्रहण में महिलाओं को विशेषकर गर्भवती महिलाओं के लिए पूर्णता बाहर आने जाने पर प्रतिबंध रहता है. उन्हें घर में ही शांति पूर्वक संयम के साथ रहना चाहिए. इस दरमियान भोजन करना आदि भी वर्जित है. यह ग्रहण काल अनुराधा नक्षत्र, सुकर्म आयोग और अमृत योग के प्रभाव में पड़ेगा, आज के दिन चंद्रमा नीच राशि में विद्यमान रहेगा, सहयोग और गजकेसरी योग भी निर्मित हो रहे हैं, आज के दिन धृति योग भी है, अनुराधा में केतु युति भी है.

Last Updated : Dec 4, 2021, 9:14 AM IST

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