रायपुर:राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की. एक मामले में अनावेदक ने महिला आयोग से समाज प्रमुखों की आड़ में प्रकरण वापस लेने के लिये महिला के ऊपर दबाव डाला है. एक अवैध इकारारनामा में हस्ताक्षर कराया है. जिसमें लिखा है कि संतान के 9 वर्ष पूरा होने पर पति अपने पास रखेगा. यह इकरारनामा अपने आप में दबावपूर्ण कराये जाने पर स्वयं शून्य हो जाता है. यह आवेदिका पर बंधककारी नहीं होता है, क्योंकि दबाव में कराया गया हस्ताक्षर कभी मान्य नहीं होता है. इसके साथ ही समाज के डर और दबाव में होने के कारण खुद शून्य हो जाता है. इसको वैद्यानिक सिद्ध करने की जिम्मेदारी अनावेदक पर होगी. Snatching child from mother is serious act
आवेदिका ने इस स्तर पर निवेदन किया है कि वह समाज के उन पदाधिकारियों को नाम लिखकर जमा करें, जिन्होंने ऐसा सहमतिनामा हस्ताक्षर कराया है. जिस बच्चे के गर्भ में रहने के दौरान अनावेदक के द्वारा आवेदिका को प्रताड़ित किया गया था. प्रसव पीड़ा के दौरान अनावेदक ने ईलाज कराने के दौरान लापरवाही भी किया था. ऐसा पिता जिम्मेदारी के लायक नहीं है, क्योंकि उसकी लापरवाही से बच्चे की जान भी जा सकती थी. अनावेदक दूसरी शादी करना चाहता है. ऐसी दशा में नाबालिक बच्चे का पालन पोषण उसके द्वारा किया जाना संभव नहीं है. आवेदिका को प्रति माह 15 सौ रुपये का भरण पोषण देकर बच्चे को छीनने की नीयत अनावेदक कर रहा है. जिसपर आवेदिका ने यह कहा कि वह अनावेदक से 15 सौ रूपये लेकर बच्चे को देने की शर्त पर राजी नहीं है.
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