रायपुरः राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (National Tribal Dance Festival) का आज दूसरे दिन सुबह से अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जा रही है. वहीं, अन्य राज्यों से आए कलाकार भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य में आकर बहुत खुश हैं. उत्तराखंड से आए कलाकारों (Artists of Uttarakhand) के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
उत्तराखंड से आए कलाकार बंटी सिंह राणा ने बताया कि उत्तराखंड की थारू जनजाति (Tharu Tribe) तराई में बसती वहा से आए हैं. उन्होंने बताया कि आज सुबह झिझिवा हांडा नृत्य की प्रस्तुति की गई जो क्वार और भादो में इस त्यौहार को मनाया जाता है. आगे की प्रस्तुति होली त्यौहार से संबंधित है. वहां होली का त्यौहार 1 महीने चलता है. जिनमें जिन्दा होली और मरी होली खेली जाती है. होलिका दहन के 15 दिन बाद घर घर जाकर थारू समाज के लोग खेलते हैं.
कोमल राणा ने बताया कि छत्तीसगढ़ आकर बहुत अच्छा लग रहा है. यहां की व्यवस्था बहुत अच्छी हैं. यहां के कार्यक्रम को भी बहुत इंजॉय कर रहे हैं. यहां सुरक्षा के अच्छे इंतजाम हैं. कोमल ने बताया कि हम अलग-अलग राज्य से आए हैं. दूसरे अन्य प्रदेशों के लोग से मिलकर अच्छा लग रहा है. उनके द्वारा दी जा रही प्रस्तुति को देखकर भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. अलग-अलग कल्चर और लोकनृत्य देखकर बहुत अच्छा लग रहा है.
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