रायपुरः रविवार को राजधानी रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में करवा चौथ का पर्व भारी श्रद्धा और विश्वास के बीच मनाया जाएगा. सुहागिन महिलाओं के लिए परम आस्था (Faith) के इस पर्व को लेकर बाजार में पूजन सामग्री से दुकानें भर दी गई हैं. लेकिन ग्राहकों के न आने की वजह से मानों इन दुकानों की रौनक ही रूठ गई है.
करवा चौथ पर बाजार के रौनक को लगा ग्रहण कोरोना इफेक्ट पिछले साल दिखा था. वह इस बार भी साफ तौर पर देखा जा सकता है. पूजन सामग्री बेचने वाले दुकानदार बताते हैं कि बिक्री न होने की वजह से पिछले साल के सामान को ही इस बार भी बेचने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन बाजार में ग्राहकों की भारी कमी है.
नहीं के बराबर है ग्राहकी
दुकानदार बताते हैं ग्राहकी नहीं के बराबर है. कोरोना के कारण लोगों में उत्साह भी दम तोड़ चुका है. भीड़ आएगी कि नहीं, इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता. लगता है गरीब भूखों मर जाएंगे. कुम्हारों का रोजगार ही दम तोड़ चुका है. कोरोना से पहले स्थिति काफी सही थी. दुकानें खूब चलती थीं और दुकानदारों के लगभग सभी पूजा-सामग्री बिक जाया करती थी.
पाल रखी थी बड़ी उम्मीद
इस बार के पर्व में कोई ग्राहक दुकानों पर आ ही नहीं रहा है. दुकानदारों ने इस उम्मीद में इस बार पूजा सामग्री से दुकानें सजा रखी थीं कि पर्व रविवार को है और बिक्री बेहतर होगी. लेकिन उनके उम्मीदों पर पानी तब फिर गया जब सुबह में दुकानें सजाने का बाद भी दूर-दूर तक ग्राहक नजर नहीं आए. दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल शुरू कोरोना का कहर और उसका असर अभी भी बाकी है. बाजार में पहले वाली रौनक नहीं रही.
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महिलाएं रखती हैं निर्जला व्रत
करवा चौथ पर महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं. वह पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं. वह रात में चांद को देख कर अपना व्रत तोड़ती हैं. इस बीच उनके द्वारा विधि-विधान के साथ पूजन-अर्चन किया जाता है. व्रत के उपवास के लिए महिलाएं श्रृंगार का सामान, चुनरी, करवा आदि खरीदती हैं. लेकिन कोरोना के असर ने इस बार के पर्व पर कारोबार को ही मानों निगल लिया है.