रायपुर:छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है.तभी से सरकार का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की परंपरा को आगे लाने का रहा है. फिर चाहे नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना हो या पारंपरिक त्योहारों को धूमधाम से मनाने का निर्णय. छत्तीसगढ़ सरकार ने हर दिशा में काम किया है. अब प्रदेश सरकार यहां के खानपान को भी बढ़ावा दे रही है. एक मई को मजदूर दिवस के मौके पर सरकार ने बोरे बासी खाने का आह्वान किया है ताकि मजदूरों के खाने का सम्मान हो. इस मौके पर रायपुर के गढ़कलेवा में बोरे बासी का स्वाद 1 मई से मिलने(Sack stale will be found in Gadkaleva from May First ) लगेगा.
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कैसे बनता है बोरे बासी : सामान्य तौर पर बोरे बासी मजदूर वर्ग का खाना माना जाता है. लेकिन इसके कई फायदे हैं. गर्मी में ये शरीर को ठंडा रखने का रामबाण उपाय है. इसे बनाने के लिए पके हुए चावल को पानी में भिगोकर रात भर छोड़ दिया जाता है.अगली सुबह भाजी, आम या नींबू का आचार, टमाटर की चटनी और बरी-बिजौरी के साथ इसका सेवन किया जाता है. इन सभी के साथ बोरे बासी खाने का जो स्वाद है उसे शब्दों में बया नहीं किया जा सकता है.