रायपुर:सिंहदेव-बृहस्पति सिंह विवाद को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत में खलबली मची है. सिंहदेव के नाराज होकर विधानसभा से चले जाने के बाद हलचल और तेज हो गई है. सिंहदेव को मनाने की कवायद भी चल रही है.
बैठक के बाद बाहर निकले सिंहदेव रविंद्र चौबे ने कहा है कि टीएस सिंहदेव चलते हुए वक्तव्य के बीच टिप्पणी कर सदन से चले गए. हमें ऐसा लगता है कि यह गलतफहमी के कारण हुआ है. सिंहदेव से बातचीत कर सब मामला सुलझा लिया जाएगा. बातचीत से सुलह के सारे रास्ते खुल जाएंगे. लगातार बात होगी. सिंहदेव हमारे वरिष्ठ साथी है.
पंजाब, राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में घमासान रविंद्र चौबे ने यह भी कहा कि सदन में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट बयान दे दिया है कि न सिर्फ विधायक बृहस्पत सिंह बल्कि सभी विधायक और प्रदेश की पूरी आम जनता की सुरक्षा की चिंता सरकार को है और सरकार गंभीर है.
पंजाब, राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में घमासान हाईवोल्टेज ड्रामा: सिंहदेव और बृहस्पति सिंह आए एक साथ नजर, बाबा बोले- 'भावनाओं में आकर दिया होगा बयान'
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानूसन सत्र का दूसरा दिन हंगामें और विवादों से भरा रहा. सत्ता पक्ष के मंत्री टीएस सिंहदेव सदन से बाहर निकल गए. दरअसल रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर हुए हमले की गुंज दूसरे दिन भी सदन में सुनाई दी. बृहस्पति सिंह ने सिंहदेव के परिवार पर जान से मारने का आरोप लगाया था. सिंहदेव ने सदन में सरकार से इस मामले में अपना रूख स्पष्ट करने की बात कही है. सिंहदेव ने सदन में कहा कि 'मैं भी इंसान हूं, मेरी भी सहन शक्ति है.सरकार मामले में अपना रुख साफ करें.' सिंहदेव ने कहा कि जब तक सरकार इस मामले में बयान नहीं देती तब तक इस सदन का हिस्सा नहीं बनेंगे. इतना कहते हुए सिंहदेव सदन से बाहर निकल गए.
बृहस्पति मामले में सरकार के रुख से सिंहदेव आगबबूला: सदन से किया बहिर्गमन, विपक्ष ने कहा बिखर गई है सरकार
कुछ देर बंगले में रहने के बाद सिंहदेव दोबारा विधानसभा के लिए रवाना हो गए. विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के साथ उन्होंने बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया. सवाल पर उन्होंने कहा कि चर्चा का परिणाम आने के बाद ही वह कुछ कह पाएंगे.
विपक्ष ने कहा सरकार खो चुकी है भरोसा
सिंहदेव के सदन से निकलते ही विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया. पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा ढाई साल आते आते सरकार पूरी तरह बिखर चुकी है. इसका प्रमाण है सरकार के एक मंत्री का सदन से बाहर चले जाना. जब मंत्री का भरोसा सरकार पर नहीं है तो जनता क्या करेगी.' पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, 'ये इतिहास की पहली घटना है कि एक मंत्री ने सरकार के खिलाफ सदन का बहिर्गमन किया है. इस सरकार का प्रभाव पूरी तरह खत्म हो चुका है, इसलिए अब अपने लोगों को ही सरकार प्रताड़ित कर रही है.' पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि 'सरकार ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है.'