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छत्तीसगढ़ में संघ बीजेपी की सक्रियता बढ़ी, कांग्रेस के लिए चुनौती! - छत्तीसगढ़ में आरएसएस और बीजेपी की सक्रियता

छत्तीसगढ़ भाजपा मिशन 2023 के लिए चुनावी मोड में आ गई है. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी भाजपा नेता कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने के लिए छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. RSS और उसने सहयोगी संगठनों ने भी कमर कस ली है. खुद मोहन भागवत 6 दिन तक छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ में आरएसएस और बीजेपी की सक्रियता ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि कांग्रेस का दावा है कि भाजपा की कोई भी संगठनात्मक गतिविधि भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी को चुनौती देने में कामयाब नहीं होगी. challenge to chhattisgarh Congress

RSS BJP activism poses challenge to chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में संघ बीजेपी की सक्रियता बढ़ी

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Published : Sep 8, 2022, 7:45 PM IST

Updated : Sep 8, 2022, 7:56 PM IST

रायपुर:कांग्रेस की छत्तीसगढ़िया सरकार की छवि का तोड़ ढूंढने के लिए संघ और भाजपा ने कमर कस ली है. खुद जेपी नड्डा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. प्रदेश भर से 50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता स्वागत और कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने के लिए रायपुर में जुट रहे हैं. जे पी नड्डा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद भाजपा कार्यालय में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के मुताबिक ''इस बैठक में 2023 विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार की जाएगी.'' RSS BJP activism poses challenge to chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में संघ बीजेपी की सक्रियता बढ़ी

संघ ने भी कमर कसी: भाजपा चुनावी मोड में है तो संघ भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने छत्तीसगढ़ में डेरा डाल रखा है. संघ भाजपा की सक्रियता ने कांग्रेस खेमे में भी हलचल तेज कर दी है. हालांकि कांग्रेस की अपनी दलील है.

क्या कहती है कांग्रेस:कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद का कहना है कि " बहुत ही हास्यास्पद और आश्चर्यजनक बात है कि बूथ लेवल के कार्यकर्ता की मीटिंग लेने और प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष आ रहे हैं. भाजपा के अस्तित्व को बचाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष निचले स्तर तक उतर आए हैं. भाजपा की कोई भी संगठनात्मक गतिविधि भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी को चुनौती देने में कामयाब नहीं होगी.''

कांग्रेस का दावा:सुशील आनंद के मुताबिक '' छत्तीसगढ़ में भाजपा ने भरोसा खो दिया है. केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता के साथ भेदभाव कर भाजपा के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आ रहे हैं तो उन्हें छत्तीसगढ़ की जनता को जवाब देना चाहिए कि वह छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव क्यों कर रहे हैं."

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क्या स्थानीय नेताओं पर भाजपा को भरोसा नहीं है?:राजनीतिक जानकार गिरीश केसरवानी ने बताया "केंद्र में भाजपा की सरकार है. इसी वजह से 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा छत्तीसगढ़ में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों को छत्तीसगढ़ भेज रही है. भाजपा के जो प्रदेश में बड़े नेता है, कहीं ना कहीं स्थानीय जनता को उन पर विश्वास नहीं है. इसलिए खासकर उन केंद्रीय मंत्रियों को यहां भेजा जा रहा है, जिनकी छवि जनता के बीच अच्छी है. इसके साथ ही आरएसएस के बड़े कैडर के नेताओं का भी छत्तीसगढ़ प्रवास शुरू हो चुका है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत रायपुर आए हुए हैं. भाजपा अपने लोगों को रिचार्ज करने की कोशिश में जुटी है.''

भूपेश बघेल की अच्छी छवि का मिलेगा फायदा: राजनीतिक जानकार गिरीश केसरवानी ने बताया "शुरू में ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस 2023 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा को क्लीन स्वीप कर देगी. लेकिन लगातार केंद्रीय मंत्रियों के दौरे से अब भाजपा ने प्रदेश में अपनी एक्टिविटी तेज कर दी है. कांग्रेस को आने वाले चुनाव को लेकर जो तैयारी शुरू करनी चाहिए, वह अभी तक शुरू नहीं कर पाई है. प्रदेश में भूपेश बघेल की एक अच्छी छवि बनी हुई है, जिसका फायदा कांग्रेस को जरूर मिलेगा.

राजनीतिक जानकर गिरीश केसरवानी यह भी कहते हैं कि ''कांग्रेसी इस बात को लेकर संतुष्ट है कि जब तक भूपेश बघेल हैं, तब तक उनको उसका फायदा मिलेगा. वहीं कांग्रेस के अभी देश में सबसे बड़े चेहरे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं. उनका भी छत्तीसगढ़ में दौरा शुरू हो जाए तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ का चुनाव काफी रोचक रहेगा.''

Last Updated : Sep 8, 2022, 7:56 PM IST

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