रायपुर:खरीफ फसलों की सुरक्षा के लिए इस साल भी 10 जुलाई से प्रदेशव्यापी रोका छेका अभियान शुरू किया जा रहा है. इस दौरान फसल को चराई से बचाने के लिए पशुओं को नियमित रूप से गौठान में लाने के लिए रोका छेका अभियान के अंतर्गत मुनादी कराई जाएगी. गौठानों में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर पशुओं के स्वास्थ्य की जांच, पशु नस्ल सुधार के लिए बधियाकरण, कृत्रिम गर्भधान और टीकाकरण करेंगे.
(Roka Cheka campaign Chhattisgarh )
फसल की सुरक्षा के लिए रोका छेका अभियान: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा "रोका छेका हमारी पुरानी पंरपरा है. राज्य में बीते सालों में भी यह अभियान चलाया गया था, जिसका अच्छा रिजल्ट मिला था. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में चालू खरीफ सीजन के दौरान 10 जुलाई से 20 जुलाई तक यह अभियान दोबारा चलाया जा रहा है. इसकी सफलता के लिए सभी किसानों और पशुपालकों से सहयोग की अपील है. राज्य में खरीफ फसलों की बुवाई तेजी से शुरू हो गई है. सब जानते है कि फसलों की बुवाई के बाद किसानों की सबसे बड़ी चिन्ता फसलों की देखभाल और उसकी सुरक्षा की होती है. फसलों की सुरक्षा के लिए रोका छेका अभियान महत्वपूर्ण साबित हो रहा है, इससे हमारी फसल और पशुधन दोनों सुरक्षित रहेंगे". (Chhattisgarh old tradition Roka Cheka)
गौठानों में पशुओं की अच्छी देखभाल: "बघेल ने कहा कि रोका छेका हमारी पुरानी परंपरा है. इसके माध्यम से हम अपने पशुओं को खुले में चराई के लिए नहीं छोड़ने का संकल्प लेते हैं, ताकि हमारी फसलों को नुकसान ना पहुंचे. पशुओं को अपने घरों, बाड़ों और गौठानों में रखा जाता है और उनके चारे पानी का प्रबंध करना होता है. पशुओं का रोका छेका का काम, अब गांव में गौठानों के बनने से आसान हो गया है. गौठानों में पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी के प्रबंध की चिंता भी अब आपको करने की जरूरत नहीं है. गौठान समितियां इस काम में लगी हैं".