रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को चर्चा के बाद 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रुपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक (Chhattisgarh Appropriation Bill) 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है. राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है. वित्तीय घाटा भी बेहतर वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन से लगातार कम हो रहा है. इस वर्ष छत्तीसगढ़ में राजस्व सरप्लस की स्थिति में है.
कोविड के कारण राजस्व में आई थी कमी :मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण राज्य के राजस्व में कमी आई, लेकिन बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण हम कम ऋण ले रहे हैं. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम ऋण इस वर्ष लिया है. चालू वर्ष में केवल एक हजार करोड़ का शुद्ध ऋण लिया गया है. केन्द्र सरकार कहती है कि जीएसटी के एवज में राज्य सरकार ऋण ले. वर्ष 2019-20 में 3109 करोड़ रुपए का लोन लिया गया. वर्ष 2021-22 में 8 हजार 71 करोड़ का लोन लिया गया, जिसमें जीएसटी ऋण 4965 करोड़ रुपए तथा विशेष केन्द्रीय सहायता ऋण 282 करोड़ शामिल है. सीएम ने कहा कि वर्ष 2021-22 की प्रथम तिमाही में 4000 करोड़ का ऋण लिया गया. दूसरी तिमाही में पूंजीगत व्यय 4624 करोड़ रुपए था, जो लिए गए ऋण से अधिक था.
पत्रकारों की अधिमान्यता के नवीकरण में बदलाव:विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा नये तहसीलों के गठन की मांग पर कबीरधाम जिले में पिपरिया और कुंडा, कोरिया जिले में बचरापौड़ी, बलरामपुर में चलगली, जांजगीर-चांपा जिले में हसौद और मुंगेली जिले में सरगांव में तहसील के गठन की घोषणा की. पत्रकारों को अधिमान्यता के नवीनीकरण में होने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए अधिमान्यता नियम में संशोधन करने और अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में करने की घोषणा की.
सीएम ने विनियोग पर भी की चर्चा:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विनियोग पर चर्चा करते हुए कहा कि विनियोग वर्ष 2022-23 का आकार 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ रुपए है. बजट 2022-23 का शुद्ध व्यय 1 लाख 4000 करोड़ रुपए का है. इसमें राजस्व व्यय 88 हजार 371 करोड़ रुपए और पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ रुपए है. राज्य को कुल 01 लाख 4 हजार करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति होगी. जिसमें राजस्व प्राप्तियां 89 हजार 73 करोड़ रुपए तथा पूंजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ रुपए होगी.
राज्य की आर्थिक स्थिति:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में राज्य की आर्थिक स्थिति की जानकारी दी. वर्ष 2021-22 के प्रावधिक अनुमान अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी में 11.54 प्रतिशत वृद्धि संभावित है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 9.2 प्रतिशत कमी की तुलना में अधिक है. वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है. राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 3.9 एवं 11.8 प्रतिशत तथा 8.2 की तुलना में छत्तीसगढ़ में काफी बेहतर स्थिति है.
इस वर्ष राज्य में राजस्व सरप्लस :सदन में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस वर्ष राज्य में राजस्व सरप्लस की स्थिति है. छत्तीसगढ़ ने बजट का 80 प्रतिशत लोन लिया है. झारखण्ड में 89 प्रतिशत ऋण है. इसी तरह उत्तराखण्ड में 104 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 92 प्रतिशत, गुजरात में 146 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 125 प्रतिशत और हरियाणा में 180 प्रतिशत ऋण है. छत्तीसगढ़ की स्थिति पहले से स्थापित देश के कई राज्यों से बेहतर है.
किसानों को केंद्र से ज्यादा पैसा राज्य सरकार देगी : राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत राज्य सरकार केन्द्र की किसान सम्मान निधि योजना से ज्यादा राशि भूमिहीन कृषि मजदूरों को देगी. भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष 7000 रुपए की सहायता दी जाएगी. इस योजना का लाभ हमारी आदिवासी संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले का मांझी, बैगा, गुनिया और पुजारी को भी मिलेगा. इसके साथ-साथ हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया को भी इस योजना के समान लाभ दिया जाएगा.
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छात्र और कर्मचारी हित में फैसलें:मुख्यमंत्री बघेल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएससी और व्यापमं की परीक्षाओं में स्थानीय युवाओं को शुल्क से छूट दी गई है. कर्मचारियों के हितों की चिंता करते हुए राज्य सरकार ने एनपीएस स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाली करने का निर्णय लिया है. शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में आगामी वर्ष से वृद्धि की जाएगी. उन्होंने कहा कि विधान सभा के सदस्यों की क्षेत्र विकास निधि 2 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपए की जा रही है. जनपद अध्यक्षों का मानदेय 6000 रुपए से बढ़ाकर 10000 रुपए, जनपद उपाध्यक्ष का मानदेय 4000 रुपए से बढ़ाकर 6000 रुपए और सदस्यों का मानदेय 1500 रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाएगा.
पुलिस विभाग के लिए निर्णय :बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों और पदोन्नति का लाभ देने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स का नवीन कैडर का गठन किया जाएगा. पांच पुलिस चौकियों मारो (बेमेतरा), जेवरा-सिरसा (जिला-दुर्ग), नैला (जांजगीर-चांपा), खरसिया (रायगढ़) और वाड्रफनगर (बलरामपुर) के थाने में उन्नयन के लिए 226 नवीन पदों, तीन नवीन पुलिस चौकी भैंसा (रायपुर), घटारानी जतमई (गरियाबंद), राहूद (जांजगीर) की स्थापना के लिए 99 पदों, बिलासपुर, जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 114 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा. नौ जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बैरक निर्माण के लिए 16.96 करोड़ रुपए का प्रावधान तथा रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक, पुलिस मेमोरियल टावर के लिए 01 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.