रायपुर : इन दिनों शहर में छोटे बच्चों द्वारा भीख मंगवाने का कार्य नहीं रुक रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग के समझाईश के बाद भी कई बच्चे भिक्षावृत्ति करते हुए दिख रहे हैं. इसके अलावा भीख मांग रहे बच्चों को (children begging in raipur)रेस्क्यू करके उन्हें ऐसे कामों को करने से रोका जा रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग ने 11 अप्रैल से सर्वे अभियान चलाया है. जिसके तहत भिक्षावृत्ति ,बालश्रम,अपशिष्ट संग्रहण और 18 साल से कम उम्र के बच्चे जो खतरनाक जगहों पर कार्य ले रहे हैं, उनके पुनर्वास की कोशिश की जा रही है.
रायपुर में भीख मांगने वाले बच्चों का रेस्क्यू ऑपरेशन 37 बच्चों को मिली मदद : जिला बाल संरक्षण अधिकारी नवीन स्वर्णकार ने बताया कि वर्तमान में 11 अप्रैल से सर्वे की शुरुआत की गई है. अभी तक 37 बच्चे मिले हैं. जिन्हें शासकीय बालक और बालिका गृह में आश्रय दिया गया है. सरकार ने स्पॉन्सरशिप अभियान चलाया है.
क्या है स्पॉन्सरशिप अभियान : बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत सरकार ने स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम (sponsorship program in raipur) शुरू किया गया. जिसके तहत बच्चों का रेस्क्यू किया जा रहा है. इस योजना के तहत ऐसे बच्चे जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है. वे स्कूल जाने की इच्छा रखते हुए भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. जिसके कारण उन्हें मजबूरन काम करना पड़ रहा है या भिक्षावृत्ति करनी पड़ रही है. इनकी पहचान करके सरकार बच्चों का खाता खुलवाकर उसमे पढ़ाई के लिए हर महीने दो हजार रुपए पढ़ाई के लिए डाल रही है.
अधिकारी कर रहे मॉनिटरिंग :स्पॉन्सरशिप कार्यक्रम के तहत खोले गए खाते और बच्चों की पढ़ाई को लेकर अधिकारी हर महीने मॉनिटरिंग कर रहे हैं.अफसर इस बात की भी तस्दीक कर रहे हैं कि शासन के पैसों का लाभ बच्चों को मिल रहा है या नहीं. साथ ही बच्चा स्कूल में जाकर पढ़ाई कर रहा है या नहीं. जिन 37 बच्चों को रखा गया है. उनका खाता नहीं खुला है. ऐसी स्थिति में उनके खाते को खोलने की प्रकिया और उनकी जानकारी को पोर्टल में अपलोड करने के लिए उन्हें बाल संरक्षण केंद्र में रखा गया है.