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Ratha Saptami 2022: रथ सप्तमी पर ऐसे करें भगवान सूर्य की पूजा

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Published : Feb 7, 2022, 7:45 AM IST

Ratha Saptami 2022: आरोग्य की प्राप्ति के लिए सूर्य देव की उपासना आज जरूर करें. जानिए पूजा की विधि.

Ratha Saptami 2022
रथ सप्तमी 2022

रायपुर:गुप्त नवरात्रि सप्तमी तिथि रथ सप्तमी, आरोग्य सप्तमी, विधान सप्तमी या चंद्रभागा सप्तमी के रूप में जानी जाती है. आज के शुभ दिन सूर्य भगवान की पूजा उपासना और स्तुति की जाती है. आज के शुभ दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान ध्यान करके भगवान सूर्य को जल अर्ध्य दिया जाता है. यह मान्यता है कि आज के शुभ दिन भगवान भास्कर रथ पर सवार होकर निकलते हैं और रथ पर अपना विजय सूत्र फहराते हैं. आज ही के दिन मां नर्मदा का जन्म (Narmada Jayanti 2022)भी हुआ था. यह मन्वादि के रूप में भी जाना जाता है.

रथ सप्तमी 2022

सूर्य स्नान और सूर्य नमस्कार से मिलेगा विशेष लाभ

ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनित शर्मा ने बताया कि 'अश्वनी नक्षत्र मेष राशि गर और ववकरण इस त्यौहार की गरिमा को बढ़ा रहे हैं. राक्षस और शुभ योग इस दिन पड़ रहे हैं. आज के दिन भगवान भास्कर की पूजा (Sun worship on Ratha Saptami) करने पर आरोग्य की प्राप्ति होती है. आज के शुभ दिन सूर्य स्नान, सूर्य नमस्कार करना बहुत योग कारक माना गया है. सूर्य सौरमंडल के प्रमुख देवता है. सभी ग्रह उनकी परिक्रमा लगाते हैं. इसलिए सूर्य बहुत शक्तिशाली है. आज के दिन सूर्य चालीसा, सूर्य सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत, सूर्य के वैदिक मंत्रों का पाठ (Recitation of Vedic Mantras of Surya) सूर्य के 108 नाम का पाठ (Recitation of 108 names of the sun) करना बहुत शुभ माना गया है.

Worship of Surya dev: रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा से मिलेगा विशेष फल

जीवित पिता के प्रति श्रद्धा आस्था और सेवा करने से भी भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं. उत्कल प्रांत में इस सप्तमी को चंद्रभागा सप्तमी माना गया है. वहां से सूर्य का साक्षात दर्शन होता है. सूर्य देव अपनी समस्त ऊर्जा और ताप के साथ चंद्रभागा के तट पर अपनी किरणें बिखेरते हैं. आज के दिन भगवान सूर्य को श्रद्धा पूर्वक और निष्ठा से जल दान करने पर सूर्य की ऊर्जा प्राप्त होती है. श्री गायत्री मंत्र का पाठ करना भी बहुत शुभ माना गया है. गायत्री माता आज के दिन अपने भक्तों पर विशेष अनुग्रह रखती हैं. भक्त वत्सल सूर्य भगवान अपने भक्तों द्वारा व्रत उपवास करने पर शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और उन्हें समस्त मनोकामना को पूर्ण करते हैं.

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