रायपुर: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot ) ने राजस्थान में कोयला संकट (coal crisis in rajasthan) को खत्म करने के लिए सोनिया गांधी (Ashok Gehlot writes letter to Sonia Gandhi) को पत्र लिखा है. इस लेटर में अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से कोयला खदानों को मंजूरी (approval of coal block in Chhattisgarh) ना देने की बात कही है. अशोक गहलोत ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में राजस्थान सरकार की तरफ से कोल ब्लॉक को मंजूरी नहीं मिलने से राजस्थान में राजनीतिक नुकसान भी हो सकता है. बता दें कि केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार के कोयले की खदान को लेकर पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी दे दी है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार और छत्तीसगढ़ के वन विभाग की तरफ से स्वीकृति नहीं मिल पाई है. यही वजह है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है.
अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र सोनिया गांधी से गहलोत ने की दखल की मांग
राजस्थान के सीएम गहलोत ने चिट्ठी में लिखा है कि राजस्थान के 4,300 मेगावाट के पावर प्लांट्स के लिए कोयले की कमी है. अगर कोयला खदान की मंजूरी नहीं मिलती है तो राज्य में संकट आ जाएगा. राजस्थान को महंगी कीमत पर कोयला खरीदना पड़ सकता है. जो राज्य की आर्थिक सेहत के लिए ठीक नहीं है
सोनिया गांधी को पत्र लिखने में कोई हर्ज नहीं- रविंद्र चौबे
इस लेटर पर छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे (Chhattisgarh Agriculture Minister Ravindra Choubey) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सोनिया गांधी हम सबकी नेता है. अगर अशोक गहलोत उन्हें छत्तीसगढ़ के कोयला खदान के लिए पत्र लिखते हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है. इसे मीडिया को छत्तीसगढ़ सरकार की शिकायत के तौर पर नहीं लेना चाहिए. रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मनसा कोल ब्लॉक पर आपत्ति को लेकर नहीं है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार को इसमें सिर्फ कंपनी को लेकर आपत्ति है. राजस्थान सरकार ने कोयला उत्खनन का काम जिस कंपनी को दिया है. उसे लेकर छत्तीसगढ़ सरकार को नाराजगी है. रविंद्र चौबे ने कहा कि हमारे सीएम दिल्ली में है. इस मसले पर आलाकमान से वहां बातचीत हुई होगी. अब आलाकमान को जो निर्देश मिलेगा. उसका पालन किया जाएगा
लेमरू एलीफेंट प्रोजेक्ट (Lemru Elephant Project) की वजह से भी राजस्थान का कोल ब्लॉक फंसा
मंत्री ने कहा कि लगातार छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक के मामले में केंद्र सरकार से बातें चल रही थी. छत्तीसगढ़ में लेमरू एलीफेंट प्रोजेक्ट की वजह से कई कोल ब्लॉक का काम फंसा है. राजस्थान को जो कोयला खदानें दी गई है. वह भी लेमरू एलीफेंट प्रोजेक्ट में फंसा हुआ है. जिसकी वजह से भी देरी हो रही है. रविंद्र चौबे ने बताया कि एलीफेंट कॉरिडोर पर फैसला कैबिनेट का (The decision on the Elephant Corridor is of the cabinet) है. जिसे नहीं बदला जा सकता है.
राजस्थान सरकार, उत्तर प्रदेश से बिजली खरीद रही है. लेकिन कांग्रेस शासित राज्य कांग्रेस शासित राज्य को कोयला नहीं दे रहा है. इस सवाल का जवाब देते हुए रविंद्र चौबे ने कहा कि बिजली वितरण में नेशनल ग्रिड का सवाल रहता है. हम अगर अतिरिक्त बिजली पैदा करते हैं तो नेशनल ग्रिड में डाला जाता है. उसके माध्यम से बिजली की आपूर्ति और मांग के आधार पर सप्लाई की जाती है. छत्तीसगढ़ में भी हम अतिरिक्त बिजली पैदा करते हैं तो गोवा, गुजरात, तेलंगाना और महाराष्ट्र को बिजली देते हैं. इस तरह तो सभी स्टेट के साथ होता है.