रायपुर: मध्य क्षेत्र परिषद की बैठक में आज छत्तीसगढ़ छाया रहा. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अगुवाई में हुई मध्य क्षेत्र परिषद की बैठक में 19 एजेंडों में से 8 एजेंडे को छत्तीसगढ़ सरकार ने सुझाये थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रस्ताव पर मध्य क्षेत्र परिषद की बैठक (Central Zonal Council meeting in bhopal) में रायपुर एयरपोर्ट को कार्गो हब बनाने पर मुहर लगी है. बैठक में हुए फैसले के बाद अब केंद्र सरकार इसे लेकर जल्द ही निर्देश जारी करेगी.
रायपुर में बनेगा कार्गो हब, भोपाल में मध्य क्षेत्र परिषद की बैठक में फैसला
Central Zone Council meeting भोपाल में मध्य क्षेत्र परिषद की बैठक हुई है. इस मीटिंग में सीएम भूपेश बघेल के प्रस्ताव पर कई फैसले लिए गए हैं. रायपुर एयरपोर्ट में कार्गो हब बनाने पर फैसला हुआ है. इसके अलावा कोदो, कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य अब केंद्र सरकार घोषित करेगी. छत्तीसगढ़ सरकार की गुजारिश पर केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है. गोधन न्याय योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट को रासायनिक खाद की तर्ज पर न्यूट्रिशन बेस्ड सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा. मध्य क्षेत्र परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ की तरफ से पेश किए गए एजेंडे चर्चा में रहे. 19 एजेंडे में 8 एजेंडे छत्तीसगढ़ सरकार ने सुझाए हैं, जबकि मध्यप्रदेश से 3, यूपी से 1 और उत्तराखंड से 2 एजेंडे सुझाए गए हैं.
यह भी पढ़ें:छत्तीसगढ़ शासकीय कर्मचारियों को राज्य सरकार का बड़ा तोहफा
सीएम बघेल ने बैठक को किया संबोधित: मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, "सुराजी गांव योजना के अंतर्गत हमने नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी के संरक्षण और विकास के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की पहल की है. राज्य में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट पर रासायनिक उर्वरकों के समान न्यूट्रिशन बेस्ड सब्सिडी देने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है. इसकी स्वीकृति का अनुरोध है. प्रदेश में लघु धान्य फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है. राज्य स्तर पर कोदो, कुटकी का समर्थन मूल्य 3 हजार रुपए प्रति क्विटल निर्धारित किया गया है. भारत सरकार द्वारा भी कोदो कुटकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए."
बैठक में सीएम बघेल ने विभिन्न मांगों को रखा: सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ''हमने प्रदेश में लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया है. भारत सरकार से अनुरोध है कि लाख उत्पादन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड और फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाए. हमने अतिशेष धान से बायो एथेनॉल उत्पादन के लिए 25 निवेशकों के साथ एमओयू किया है. इस संबंध में भारत सरकार की नीति में संशोधन की जरूरत है. जिसमें बायो एथेनॉल उत्पादन के लिए प्रत्येक वर्ष कृषि मंत्रालय से अनुमति लेने का प्रावधान है. इसमें सुधार कर प्रतिवर्ष के बंधन को समाप्त किया जाए. आधिक्य अनाज घोषित करने का अधिकार एनवीसीसी की जगह राज्य को मिलना चाहिए."