रायपुर: राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर शुक्रवार को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति छात्र संगठन ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारे भी लगाए. जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम तहसीलदार सृजन सोनकर को ज्ञापन सौंपा. इनकी मांग है कि निजी क्षेत्र में 80% छत्तीसगढ़ के युवा बेरोजगारों को आरक्षण दिए जाए.
रायपुर में छत्तीसगढ़ स्थानीय रोजगार अधिनियम बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन - रायपुर
राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर शुक्रवार को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति छात्र संगठन ने निजी क्षेत्र में 80% छत्तीसगढ़ के युवा बेरोजगारों को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
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निजी उपक्रम में युवा बेरोजगारों को 80% आरक्षण की मांग:nछत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जसवंत बांधे का कहना है कि "छत्तीसगढ़ में स्थानीय रोजगार अधिनियम बनाया जाए. एसटी, एससी को निजी क्षेत्र में 80% छत्तीसगढ़ का युवा बेरोजगारों को आरक्षण दिया जाए. प्रदेश के जितने भी प्रोफेशनल कॉलेज है, वहां पर 80% आरक्षण मिलना चाहिए. जिसकी जितनी योग्यता है, उस आधार पर रोजगार उपलब्ध होना चाहिए. उस एग्रीमेंट में यह भी लिखा होना चाहिए कि कितना वेतन दिया जाना है और कितने सालों के लिए एग्रीमेंट किया गया है. इस बात का भी उल्लेख होना चाहिए."
"छत्तीसगढ़ स्थानीय रोजगार अधिनियम" में इन बातों का पालन किए जाने की मांग:
1. निजी क्षेत्र में 80% छत्तीसगढ़ के युवा बेरोजगार को आरक्षण दिया जाए. प्रतिवर्ष 35% के हिसाब से अन्य राज्य के कार्यरत कर्मचारी और मजदूरों को हटाकर स्थानीय युवा बेरोजगारों को भर्ती करें.
2. निजी क्षेत्र के उपक्रमों में ठेके पद्धति में छत्तीसगढ़ के ठेकेदारों को प्राथमिकता दिया जाए.
3. हॉस्पिटल में कार्यरत नर्स वार्ड बॉय और आया को 2000, 4000, 5000 रुपए की नौकरी में रखा जाता है. जिसे न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जाती है. अपने बैलेंस शीट में न्यूनतम मजदूरी की बात जरूर करते हैं. ऐसे लोगों को नियुक्ति पत्र दिया जाए और इनके बैंक अकाउंट में सैलरी का भुगतान किया जाए. लगातार 5 वर्ष कार्य करने पर हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा नियमित कर्मचारी में शामिल किया जाए.
4. 1 करोड़ रुपए के टर्नओवर से ऊपर वाले सभी प्रकार के व्यापार, व्यवसाय में कर्मचारियों और मजदूरों की भर्ती नियुक्ति पत्र के माध्यम से और वेतन बैंक अकाउंट के माध्यम से भुगतान किया जाए.
5. पेट्रोल पंप में कार्यरत कर्मचारियों को न्यूनतम दर 12 हजार रुपए देने का प्रावधान है. लेकिन पेट्रोल पंप के डीलर और संचालकों के द्वारा इतनी राशि नहीं दी जाती है. इनके द्वारा इन कर्मचारियों को 4 से पांच हजार रुपए वेतन का भुगतान किया जाता है. पेट्रोल पंप के डीलर और संचालक अपने बैलेंस शीट में 12 हजार रुपए दिखाते हैं. इसलिए ऐसे जगह पर भी नियुक्ति पत्र दिया जाए. बैंक के अकाउंट में वेतन का भुगतान किया जाए.