रायपुर :छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले केतिल्दा ब्लॉक के ग्राम मढ़ी, में प्रस्तावित इस्पात प्लांट का लगातार विरोध (Continuous protest against steel plant) काफी दिनों से हो रहा है. 30 मार्च को आयोजित हुई जन सुनवाई के दौरान भी ग्रामीणों ने प्लांट प्रबंधन का विरोध किया था. ये विरोध अब जन आंदोलन में तब्दील होता जा रहा है. मढ़ी में प्रस्तावित प्लांट स्थल पर ग्रामीण, किसान एवं मज़दूर 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर हैं. अपनी मांगों को लेकर 9 पंचायतों (जंजगिरा, जलसों, कोदवा, महुवागाँव, कूकेरा, मलौद, कुथरेल, मनोहरा, मेहरसखा) के सरपंच एवं उपसरपंचों ने कलेक्टर के नाम प्लांट के विरोध में ज्ञापन सौंपा. कलेक्टर से मिलने पहुंचे ग्रामीणों ने बताया क़रीब 8000 क्षेत्रीय ग्रामवासियों ने हस्ताक्षर करके विरोध पत्र तैयार किया है. जिसमे प्लांट की अनुमति निरस्त करने की मांग की गयी है.
ग्रामीणों ने प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप : ज्ञापन में यह बताया गया हैं कि प्लांट प्रस्तावक ग्रामीणों के समर्थन होने की बात की गयी हैं जो की पूर्णतः निराधार हैं एवं सारे क्षेत्रवासी प्लांट लगाने के विरोध में हैं. ग्रामीणों के साथ शिकायत करने पहुचे भावेश बघेल ने बताया की प्लांट का विरोध अब व्यापक रूप ले चुका है. लगातार इस आंदोलन को जनसमर्थन मिल रहा हैं. मढ़ी में प्रस्तावित प्लांट से पर्यावरणीय संकट, स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ, कृषि संकट, जल संकट क्षेत्र में व्याप्त हो जाएगा इसलिए जनभावनाओं के सम्मान में निरंतर प्लांट का विरोध जारी रहेगा. कलेक्टर को ज्ञापन सौपने के बाद ग्रामीणों ने मांग भी की है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री से मुलाकात कर स्थिति को अवगत कराने के बाद प्लांट की अनुमति निरस्त की (Demand for cancellation of plant permission) जाए.