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छत्तीसगढ़ में पोषण ट्रैकर ऐप का विरोध कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जानिए वजह - क्या है पोषण ट्रैकर ऐप

protest against nutrition tracker app in chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार कुपोषण के खिलाफ अभियान चला रही है लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर ऐप का विरोध कर रहीं हैं.

poshan tracker app in chhattisgarh
क्या है पोषण ट्रैकर ऐप

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Published : Mar 25, 2022, 12:53 PM IST

Updated : Mar 28, 2022, 1:43 PM IST

रायपुर: केंद्र की महिला एवं बाल विकास विभाग ने सही पोषण देश रोशन के तहत पोषण ट्रैकर ऐप तैयार किया है. इस एप में जरिए नवजात से लेकर 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं का सारा डाटा अपलोड करना है. यह सारा काम आंगनबाड़ी केंद्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए किया जाना है लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार की ओर से मोबाइल नहीं दिए जाने और तकनीकी दिक्कतों के कारण इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रही हैं. अब आलम यह है कि छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर एप में जानकारियां भी नहीं भर रही हैं.

छत्तीसगढ़ में पोषण ट्रैकर ऐप का विरोध

छत्तीसगढ़ में पोषण ट्रैकर ऐप का विरोध:छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता पाठक का कहना है कि ''आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर ऐप का विरोध कर रहीं हैं, क्योंकि हमारे पास मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा नहीं है. इंटरनेट के लिए सरकार ने 500 रुपए खाते में डालने की बात कही है. बहुत से ऐसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जिनके पास मोबाइल ही नहीं है. जिनके पास मोबाइल है, उन्हें कई दिक्कतें हो रही है.''

सरिता पाठक का यह भी कहना है कि ''हम अपने पर्सनल मोबाइल पर एप्लीकेशन को डाउनलोड कर के काम करते हैं. कई बार मोबाइल हैंग हो जाता है. सरकार से मांग कर रहे हैं कि हमें मोबाइल सुविधा दें. इंटरनेट का खर्च दें. उसके बाद हम काम करने के लिए तैयार हैं. जब तक सरकार मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं कराती तब तक हम पोषण ट्रैकर ऐप से काम नहीं करेंगे. इस मामले को हमने हाई कोर्ट में भी लगाया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने भी यह बात कही है कि जब तक मोबाइल की सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जाती तब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण ट्रैकर एप से काम नहीं कराया जाए.''

पोषण ट्रैकर ऐप पर अपलोड नहीं हो रही जानकारी: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रेणु गजभिये का कहना है कि ''सरकार से हमें जो मोबाइल मिला था, वह खराब हो गया है. बहुत सी ऐसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं है. जिनके घर में भी मोबाइल है तो वे उनके बच्चों के पास हैं. 500 रुपए इंटरनेट डाटा के लिए देने की बात कही जाती है. हम बच्चों का वजन, सारी जानकारी लेते हैं, लेकिन उसका डाटा पोषण ट्रैकर ऐप पर अपलोड नहीं करते हैं.''

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छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या:छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र और सुदूर अंचलों में काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि नेटवर्क की समस्या होने के कारण पोस्ट ट्रैकर ऐप में काम करने से परेशानियां होती है. यही वजह है कि वह ऑफलाइन मोड पर डाटा एंट्री करते हैं. इस पूरे मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी का कहना है कि बहुत से जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर ऐप के जरिए काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ जिलों में इसका विरोध किया जा रहा है. कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की शिकायत है कि उनके मोबाइल खराब हो गए हैं. लिहाजा उन्हें मोबाइल की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. इस सिलसिले में सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है. (Network problem in Chhattisgarh Vananchal area )

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलते हैं 600 रुपए मासिक इंटरनेट रिचार्ज: महिला एवं बाल विकास विभाग के उच्च अधिकारी का कहना है कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण ट्रैकर ऐप में जानकरी अपलोड करना अनिवार्य है. लेकिन कुछ जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं ये काम नहीं कर रही है. हालांकि कुछ जिलों में इसमें लगातार काम जारी है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खातों में 600 रुपए मासिक इंटरनेट रिचार्ज के लिए भेजा जा रहा है. कुछ जगहों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा काम करने के लिए मोबाइल की मांग की जा रही है. इस संबंध में शासन को बता दिया गया है. मोबाइल को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. लेकिन जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा.

क्या है पोषण ट्रैकर ऐप:पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन का उद्देश्य आंगनवाड़ी केंद्र और आंगनबाड़ी कर्मचारियों की गतिविधियों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बच्चों का डाटा एकत्र करना है. इसके साथ ही विभागों तक संपूर्ण डाटा भेजना है ताकि महिलाओं और बच्चों के डाटा को एप्लीकेशन पर अपलोड कर कुपोषण जैसी गंभीर बीमारियों की मैपिंग की जा सके. इसके साथ ही कागजी काम को कम किया जा सके. (what is nutrition tracker app)

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Last Updated : Mar 28, 2022, 1:43 PM IST

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